क्या दूरसंचार विभाग ने नागरिकों को आईएमईआई से छेड़छाड़ के नकारात्मक प्रभावों से आगाह किया?
सारांश
Key Takeaways
- आईएमईआई का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है।
- फर्जी सिम कार्ड खरीदने से बचें।
- सिम कार्ड को अनजान लोगों को न दें।
- संचार साथी पोर्टल पर आईएमईआई की जांच करें।
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत सख्त दंड का प्रावधान है।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। संचार मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में बताया गया है कि भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी के तेज गति से विकास के साथ टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर्स जैसे इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी (आईएमईआई) का दुरुपयोग एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
मंत्रालय ने नागरिकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों से अवगत कराया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, नागरिकों को छेड़छाड़ किए गए आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें फर्जी दस्तावेजों या धोखाधड़ी के जरिए सिम कार्ड नहीं खरीदने चाहिए। केंद्र ने बताया है कि किसी व्यक्ति के नाम पर खरीदे गए सिम को अनजान व्यक्तियों को देने से बचना चाहिए।
केंद्र ने स्पष्ट किया है कि जो नागरिक अपने नाम पर सिम कार्ड खरीदते हैं और इसे साइबर धोखाधड़ी में दुरुपयोग के लिए दूसरों को देते हैं, उन्हें भी अपराधी माना जा सकता है।
बयान में कहा गया है कि नागरिकों को समझना चाहिए कि अगर वे छेड़छाड़ किए गए आईएमईआई नंबर वाले उपकरण का उपयोग करते हैं या धोखाधड़ी से सिम कार्ड लेते हैं, तो उन्हें गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के नाम पर खरीदे गए सिम कार्ड का दुरुपयोग किया जाता है, तो उस स्थिति में मूल उपयोगकर्ता भी अपराधी माना जा सकता है।
नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने उपकरण के आईएमईआई को संचार साथी पोर्टल पर सत्यापित कर सकते हैं। इसके अलावा, वे संचार साथी ऐप का भी उपयोग कर सकते हैं, जहां उपयोगकर्ता को ब्रांड, मॉडल के नाम और निर्माता की जानकारी आसानी से मिल जाती है।
मंत्रालय ने कुछ महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधानों की भी जानकारी दी है। दूरसंचार अधिनियम, 2023 मोबाइल हैंडसेट और अन्य उपकरणों के आईएमईआई नंबर के साथ छेड़छाड़ करने पर कठोर दंड का प्रावधान करता है। इसके अतिरिक्त, धारा 42(3)(सी) विशेष रूप से टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर्स से छेड़छाड़ पर रोक लगाती है।