क्या कांग्रेस परिवार तंत्र को ऊपर रखकर संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रही है?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का ट्वीट विवाद का कारण बना।
- शहजाद पूनावाला ने परिवारवाद पर गंभीर आरोप लगाए।
- संविधान का अपमान राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक एक्स पोस्ट ने राजनीति को गरमा दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि एसआईआर के नाम पर देशभर में अफरा-तफरी फैली हुई है और इस दौरान 16 बीएलओ की जानें गई हैं। इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि ये लोग परिवार तंत्र को संविधान से ऊपर रखते हैं और संविधान की हर संस्था का अपमान करने का कार्य करते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि इनकी जुबान पर संविधान है, लेकिन मन में परिवार है। जो परिवार तंत्र को संविधान तंत्र के ऊपर रखते हैं, वे संविधान की लाल कॉपी लेकर घूमते हैं, लेकिन उस पर भरोसा नहीं करते हैं। ये लोग संविधान की हर संस्था का अपमान करने का कार्य करते हैं।
झारखंड में मंत्री इरफान अंसारी द्वारा बीएलओ को घर में कैद करने के बयान पर पूनावाला ने कहा कि ये धमकी के भाईजान हैं। ये पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। झारखंड के बीएलओ उन्हीं की सरकार के अधिकारी हैं। इन लोगों को आदिवासी समाज के हितों की रक्षा नहीं करनी है। इन लोगों को घुसपैठिया चाहिए और संविधान का अपमान करना है।
वहीं, झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी का बचाव करते हुए कांग्रेस के प्रदेश मीडिया इंचार्ज राकेश सिन्हा ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। एसआईआर को लेकर लोगों में जो आक्रोश था, उसे पैदा करने की कोशिश की जा रही थी।
राकेश सिन्हा ने कहा कि उनका कहना था कि बीएलओ को घर में बैठाओ और पूछो कि क्या आप मेरा नाम काटेंगे? एसआईआर के माध्यम से देश में अराजकता का माहौल पैदा किया जा रहा है और लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। ये भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए ठीक नहीं है।
वहीं राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि जो प्रमाण राहुल गांधी ने दिए हैं, क्या चुनाव आयोग की ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि उस पर जवाब दे? एक ब्राजील की मॉडल को चुनाव आयोग ने वोटर बना दिया, जो लोग मर गए, उनके नाम जोड़े जा रहे हैं और चुनाव आयोग खामोश है।