क्या रणदीप सुरजेवाला ने सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देकर हरियाणा का गौरव बढ़ाया?

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क्या रणदीप सुरजेवाला ने सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देकर हरियाणा का गौरव बढ़ाया?

सारांश

रणदीप सुरजेवाला ने जस्टिस सूर्यकांत को बधाई दी, जो हरियाणा के लिए गर्व का क्षण है। उनकी यात्रा ने हरियाणवी युवाओं को प्रेरित किया है। जानें इस सफलता की कहानी और जस्टिस सूर्यकांत के योगदान के बारे में।

Key Takeaways

  • हरियाणा के लिए गौरव का क्षण
  • जस्टिस सूर्यकांत की प्रेरणादायक यात्रा
  • न्यायिक उत्कृष्टता का प्रतीक
  • कड़ी मेहनत का फल
  • हरियाणवी युवाओं के लिए प्रेरणा

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने जस्टिस सूर्यकांत को भारत के मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेने के बाद अपनी शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने जस्टिस सूर्यकांत की पृष्ठभूमि को हरियाणा से जोड़ते हुए इसे एक ऐतिहासिक और गौरवमयी क्षण बताया है।

सुरजेवाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हर हरियाणवी के लिए यह एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है, क्योंकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत का हरियाणा से भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश बनना न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि उनकी विनम्रता, दृढ़ता और समर्पण का प्रतीक भी है।

उन्होंने यह भी बताया कि हिसार के एक छोटे से गाँव से आने वाले जस्टिस सूर्यकांत का शीर्ष पर पहुँचना साहस, विश्वास और कड़ी मेहनत की शक्ति को दर्शाता है।

बार में उनकी प्रशंसा उनके धैर्य और स्मरणशक्ति के लिए की जाती है, और बेंच में उनके अनुभव, संतुलन और सभी को साथ लेकर चलने की क्षमता के लिए उन्हें बहुत सम्मान दिया जाता है। उनका कार्यकाल सभी के लिए निष्पक्षता और न्याय के आदर्श के रूप में चमकता रहे।

जस्टिस सूर्यकांत ने जस्टिस बीआर गवई की जगह ली है। उनका कार्यकाल लगभग १४ महीने का होगा और वे ९ फरवरी २०२७ तक पद पर रहेंगे।

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म १० फरवरी, १९६२ को हरियाणा के एक मिडिल-क्लास परिवार में हुआ। उन्होंने १९८१ में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और १९८४ में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने १९८४ में हिसार में अपनी कानून प्रैक्टिस शुरू की और अगले वर्ष चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चले गए।

इन वर्षों में, उन्होंने कई प्रकार के संविधानिक, सेवा, और नागरिक मामलों को संभाला, जिसमें विश्वविद्यालय, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक, और खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया। उन्हें ७ जुलाई २००० को हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया और मार्च २००१ में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया।

उन्होंने ९ जनवरी, २००४ को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नति तक महाधिवक्ता के पद पर कार्य किया। वे लगातार दो कार्यकाल (२००७-२०११) के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य भी रहे हैं। वे विभिन्न ज्यूडिशियल और लीगल सेवा संस्थानों से भी जुड़े रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। जस्टिस सूर्यकांत की सफलता उनके संघर्ष और परिश्रम का प्रमाण है। यह समय है कि हम सभी उनके इस प्रेरणादायक सफर से सीखें और अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म कब हुआ था?
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म १० फरवरी, १९६२ को हरियाणा के एक मिडिल-क्लास परिवार में हुआ।
जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी शिक्षा हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज और रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से प्राप्त की।
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल कब तक है?
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग १४ महीने का होगा और वे ९ फरवरी २०२७ तक पद पर रहेंगे।
रणदीप सुरजेवाला ने जस्टिस सूर्यकांत के बारे में क्या कहा?
रणदीप सुरजेवाला ने इसे हर हरियाणवी के लिए ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण बताया।
जस्टिस सूर्यकांत को कब एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था?
उन्हें ७ जुलाई २००० को हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था।
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