क्या अंतर्राष्ट्रीय मांस रहित दिवस मनाने का कोई विशेष कारण है?
सारांश
Key Takeaways
- मांस रहित दिन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
- यह पर्यावरण की रक्षा में मदद करता है।
- जानवरों के प्रति करुणा को बढ़ावा देता है।
- साधु वासवानी के विचारों को फैलाने का अवसर है।
- सरल और आनंददायक तरीके से मनाया जा सकता है।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर वर्ष साधु टी. एल. वासवानी के जन्मदिन के अवसर पर २५ नवंबर को विश्वभर में अंतर्राष्ट्रीय मांस रहित दिवस मनाया जाता है। यह कोई साधारण दिन नहीं है, बल्कि इसके मनाने का एक विशेष उद्देश्य है। साधु वासवानी शाकाहार के कट्टर समर्थक थे और उनका मानना था कि मांस का सेवन न केवल हमारे शरीर, बल्कि हमारे मन और समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
आप सोच सकते हैं कि इस दिन का मतलब केवल मांस का सेवन न करना है? लेकिन यह विचार पूरी तरह गलत है। यह दिन हमें यह बताता है कि रोजाना मांस खाना न केवल हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है, बल्कि यह पर्यावरण और जानवरों के कल्याण पर भी गंभीर असर डालता है। मांस उद्योग के लिए हजारों जानवरों की खेती की जाती है और उनकी अत्यधिक खपत होती है, जो पर्यावरण के लिए उचित नहीं है।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी यह दिन महत्वपूर्ण है। निरंतर मांस खाने से हृदय रोग, कोलेस्ट्रॉल की समस्याएं और अनेक अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। मांस रहित दिन मनाकर हम अपने शरीर को आराम देते हैं, पेट और दिल की सेहत में सुधार करते हैं और ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
इसके अलावा, यह दिन जानवरों के प्रति करुणा और संवेदनशीलता को भी बढ़ावा देता है। जब हम जानवरों को केवल खाने की वस्तु नहीं, बल्कि जीवन के अधिकार वाले प्राणी के रूप में देखते हैं, तो हमारी सोच में बदलाव आता है। यह सकारात्मक सोच धीरे-धीरे हमारे समाज और पर्यावरण पर भी अच्छा प्रभाव डालती है।
इस दिन को मनाना सरल है। किसी बड़े आयोजन की आवश्यकता नहीं है। बस एक दिन मांस की बजाय दाल, सब्ज़ियां, फल और अनाज का सेवन करें। दोस्तों और परिवार को भी इसमें शामिल करें। सोशल मीडिया पर अपने मांस रहित व्यंजनों को साझा करें, नए स्वादों का आनंद लें और दूसरों को प्रेरित करें।