क्या ईडी ने एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ चार्जशीट दायर की?

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क्या ईडी ने एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ चार्जशीट दायर की?

सारांश

यूट्यूबर एल्विश यादव और पंजाबी गायक फाजिलपुरिया के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दायर की है। इस मामले में चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल को भी दोषी ठहराया गया है। अदालत ने दोनों को जल्द तलब करने का फैसला किया है। जानें इस विवाद की गहराई और इसके संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ ईडी ने चार्जशीट दायर की।
  • स्काई डिजिटल कंपनी को भी मामले में दोषी ठहराया गया।
  • गाने में इस्तेमाल सांप और वन्य जीव संरक्षित हैं।
  • अदालत ने जल्द सुनवाई का आदेश दिया है।
  • यह मामला कोबरा कांड के नाम से जाना जाता है।

मुंबई, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूट्यूबर एल्विश यादव और पंजाबी गायक फाजिलपुरिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुग्राम स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल को भी दोषी ठहराया गया है। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही दोनों आरोपितों को तलब करने का निर्णय लिया है। इसके बाद ही अदालत इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।

ईडी की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि पंजाबी गायक फाजिलपुरिया के गाने '32 बोर' से लगभग 52 लाख रुपये की कमाई हुई थी। इस राशि का एक बड़ा हिस्सा बिजनौर में तीन एकड़ जमीन खरीदने में खर्च किया गया, जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये थी। इसके अलावा, जांच के दौरान एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के बैंक खातों से कुल तीन लाख रुपये जब्त किए गए, जबकि स्काई डिजिटल कंपनी के खाते से दो लाख रुपये जब्त हुए हैं। ईडी ने दोनों की लगभग 55 लाख रुपये की संपत्ति भी अटैच कर ली है। यह सब उस म्यूजिक वीडियो से संबंधित है जिसमें दोनों कलाकारों ने सांपों के साथ शूटिंग की थी।

यह मामला 'कोबरा कांड' के नाम से भी जाना जाता है, जिसमें पहले भी एल्विश यादव के खिलाफ नोएडा पुलिस ने केस दर्ज किया था। उस केस में आरोप था कि एल्विश यादव ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करते हुए सांपों का अवैध उपयोग किया था। इसके अलावा, उन पर आरोप था कि उन्होंने एनसीआर क्षेत्र में रेव पार्टियों और फार्महाउसों में जिंदा सांप और उनके जहर का भी कारोबार किया। इस मामले में पुलिस ने कड़ी जांच के बाद एल्विश यादव को गिरफ्तार भी किया था।

ईडी ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और पाया कि '32 बोर' गाने में इस्तेमाल सांप और अन्य वन्य जीव संरक्षित हैं, और इनका व्यावसायिक उपयोग कानून के खिलाफ है। यह वीडियो स्काई डिजिटल कंपनी द्वारा शूट किया गया था, जबकि एल्विश यादव ने इसे यूट्यूब पर प्रमोट किया था। यूट्यूब पर इस वीडियो से हुई कमाई को भी अपराध से हुई आय माना गया है, इसलिए इसे जब्त किया गया है।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने सितंबर 2024 में एल्विश यादव और फाजिलपुरिया को लखनऊ के जोनल कार्यालय में तलब करके पूछताछ की थी। जांच के दौरान दोनों की कमाई के स्रोत और संपत्तियों की जानकारी जुटाई गई। अब अदालत द्वारा आरोपितों को तलब किए जाने के बाद उनसे पक्ष जानने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद ही इस मामले की अगली कानूनी कार्यवाही होगी।

Point of View

बल्कि यह हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि कलाकारों को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए। हमें उम्मीद है कि न्यायालय इस मामले में निष्पक्ष निर्णय देगा और कानून के अनुसार कार्रवाई करेगा।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने चार्जशीट क्यों दायर की?
ईडी ने एल्विश यादव और फाजिलपुरिया के खिलाफ अवैध वन्य जीव उपयोग के आरोपों के कारण चार्जशीट दायर की है।
चार्जशीट में और कौन शामिल है?
चार्जशीट में चंडीगढ़ की कंपनी स्काई डिजिटल को भी दोषी ठहराया गया है।
क्या एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था?
हाँ, एल्विश यादव को पहले भी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में अगली कार्रवाई क्या होगी?
अदालत ने दोनों आरोपितों को तलब किया है, जिसके बाद उनकी सुनवाई होगी।
क्या गाने से हुई कमाई अवैध है?
हां, ईडी ने गाने से हुई कमाई को अपराध से अर्जित आय माना है।