क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों को कृषि आय बढ़ाने का आश्वासन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों के लिए पूर्ण सहायता
- नई एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट
- सशक्तिकरण और प्रशिक्षण
- बिचौलिए पर निर्भरता कम
- स्थायी विकास के लिए दृष्टिकोण
रायचूर (कर्नाटक), 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कर्नाटक के रायचूर जिले में फार्मर्स ट्रेनिंग एंड कॉमन फैसिलिटी सेंटर और नई एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन करते हुए किसानों को उनकी कृषि आय बढ़ाने के लिए पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया।
जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने सॉइल हेल्थ कार्ड, उर्वरक, वित्तीय सहायता और खाद्यान्नों व दालों के लिए बढ़े हुए एमएसपी जैसी पहलों पर प्रकाश डाला।
रायचूर में फार्मर्स ट्रेनिंग एंड कॉमन फैसिलिटी सेंटर किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इससे उन्हें कृषि उत्पादों के लिए अधिक मूल्य प्राप्त होगा, उत्पादकों को बाजारों से जोड़ा जाएगा, महिलाओं को सशक्त किया जाएगा, और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और शेल्फ-लाइफ में सुधार किया जाएगा। इसके साथ ही किसानों के प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण में भी सहायता मिलेगी।
रायचूर जिला कर्नाटक के प्रमुख दलहन उत्पादन क्षेत्रों में से एक है, जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 80,000 मीट्रिक टन अरहर और 34,000 मीट्रिक टन चना की खेती होती है।
वित्त मंत्री ने कहा, "यह विशाल उत्पादन आधार दलहन मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने में योगदान देगा। इस योजना के अंतर्गत स्थापित नई प्रोसेसिंग यूनिट में प्रति वर्ष 133 मीट्रिक टन अरहर, 100 मीट्रिक टन चना और 76 मीट्रिक टन मिश्रित दालों के प्रसंस्करण की क्षमता है। इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।"
उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में, इस उद्यम का उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना, किसान उत्पादक संगठनों को मजबूत करना और एक स्थायी एवं बाजार-उन्मुख दलहन उद्योग इकोसिस्टम स्थापित कर समग्र ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
यह योजना अरहर, चना और मिश्रित दालों के उत्पादन को बढ़ावा देकर दलहन के बाजार मूल्य को बढ़ाती है, साथ ही स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए स्थायी आजीविका के अवसर भी पैदा करती है।
वित्त मंत्री ने कहा, "रायचूर जिले के एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को अधिक मजबूत और स्थिर बनाने के दृष्टिकोण के साथ यह योजना किसानों के लिए वैल्यू चेन को आगे बढ़ाने, आय में वृद्धि करने और इनोवेशन एवं सहयोग के माध्यम से भविष्य में ग्रामीण उद्यमों के समग्र विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है।"
इससे पहले, वित्त मंत्री सीतारमण ने हम्पी, कर्नाटक में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के इंटर्न्स के साथ बातचीत की। इस सत्र में राज्य भर से 60 से अधिक इंटर्न्स के साथ इंफोसिस, एमएसपीएल, आईबीएम, टीसीएस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स, एचएएल, एनएमडीसी और हनीवेल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस जैसी प्रमुख साझेदार कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने इंटर्न्स से बातचीत की और पीएमआईएस के तहत उनके अनुभव को जाना। उन्होंने पीएमआईएस इंटर्न्स के साथ बातचीत कर उनके पेशेवर सफर के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया।