क्या टेली मानस कॉल सेंटर ने 29 लाख से अधिक फोन कॉल्स के माध्यम से महिलाओं की सहायता की?
सारांश
Key Takeaways
- 53 टेली मानस कॉल सेंटरों ने 29.82 लाख कॉल्स का समाधान किया है।
- यह सेवा 20 भाषाओं में उपलब्ध है।
- महिलाओं के लिए कई सहायता सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
- 864 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं।
- सरकार मानसिक स्वास्थ्य पर जोर दे रही है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अब तक 53 टेली मानस कॉल सेंटरों ने 29.82 लाख फोन कॉल्स का सफलतापूर्वक समाधान किया है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर ने कहा कि सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि महिलाओं में मानसिक तनाव को कम किया जा सके।
उन्होंने लोकसभा में बताया कि टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम 10 अक्टूबर 2022 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य पूरे देश में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक लोगों की पहुंच को सुलभ बनाना है।
27 नवंबर 2025 तक देश के 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 53 टेली मानस कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं। यह सेवा 20 भाषाओं में उपलब्ध है, जो हर राज्य के जरूरतों के अनुसार है। सवित्री ठाकुर ने बताया कि अब तक 29.82 लाख कॉल्स हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त हुए हैं।
मानसिक बीमारियों के बोझ को कम करने के लिए, केंद्र सरकार राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) चला रही है, जिसके तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) को 767 जिलों में लागू किया जा रहा है। राज्य सरकारों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत सहायता दी जा रही है।
डीएमएचपी के तहत, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर कई सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसमें आउटपेशन्ट सेवाएं, काउंसलिंग, मानसिक तनाव के उपचार के लिए सेवाएं और एंबुलेंस सुविधाएं शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसके अंतर्गत कई हेल्पलाइनों की शुरुआत की गई है, जैसे कि महिला हेल्पलाइन -181, बाल हेल्पलाइन -1098 और आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस-112)। इसके अलावा, जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर की व्यवस्था भी लागू की गई है।
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 भी महिलाओं और मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा करता है और मानसिक तनाव से ग्रस्त व्यक्तियों को सजा देने के बजाय उनकी देखभाल और पुनर्वास पर जोर देता है।
राज्य मंत्री सवित्री ठाकुर ने कहा कि सरकार ने महिलाओं को हिंसा, उत्पीड़न और मानसिक तनाव से राहत प्रदान करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसमें चिकित्सा, कानूनी सलाह, अस्थायी शरण, पुलिस सहायता और मानसिक काउंसलिंग शामिल है।
30 सितंबर 2025 तक देश भर में अब तक 864 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) कार्यरत हैं और 12.67 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है।
-- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस