क्या स्मार्ट टेक्नोलॉजी ने भारत के आईओटी मार्केट की रफ्तार को बढ़ाया? तीन महीने में 40 प्रतिशत की ग्रोथ
सारांश
Key Takeaways
- भारत का आईओटी मार्केट 40 प्रतिशत बढ़ा है।
- स्मार्ट मीटरिंग और टेलीमैटिक्स ने वृद्धि में मदद की।
- चीन और यूरोप में भी आईओटी मार्केट बढ़ा है, लेकिन कम दर पर।
- एआई की मांग ने आईओटी डिवाइस के उपयोग को बढ़ाया है।
- 5जी तकनीक और सुरक्षित सॉफ़्टवेयर पर ध्यान दिया जा रहा है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का सेलुलर आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) मार्केट जुलाई से सितंबर के बीच 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर चुका है। इस अवधि में भारत ने कई वैश्विक देशों को पीछे छोड़ दिया। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है।
रिसर्च कंपनी काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह गति स्मार्ट मीटर, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों और टेलीमैटिक्स जैसी तकनीकों के कारण संभव हुई है।
कंपनी की सीनियर एनालिस्ट टीना लू ने बताया कि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में सबसे अधिक वृद्धि उन देशों में हुई, जहाँ बाजार नया है और कीमतों को कम बनाए रखना आवश्यक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जहाँ भारत में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं पूरी दुनिया में सेल्युलर आईओटी मॉड्यूल की शिपमेंट में इस दौरान 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्ट मीटरिंग, सामान की ट्रैकिंग, राउटर और गाड़ियों से जुड़ी तकनीक के चलते आईओटी मार्केट लगातार आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही, पुराने सिस्टम्स की जगह सेलुलर तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भविष्य में और भी बेहतरीन आईओटी सेवाएं विकसित होंगी।
काउंटरपॉइंट के रिसर्च डायरेक्टर मोहित अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस आईओटी डिवाइस की मांग गाड़ियों, फैक्ट्रियों और रिटेल जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि अब आईओटी की भूमिका केवल कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि इसमें स्मार्ट तकनीक और दीर्घकालिक सेवाओं पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में आईओटी मार्केट 7 प्रतिशत, यूरोप में 11 प्रतिशत और उत्तरी अमेरिका में केवल 4 प्रतिशत बढ़ा, क्योंकि वहाँ की कंपनियाँ खर्च में सावधानी बरत रही हैं। साथ ही उद्योग का ध्यान अधिक मूल्यवान और एआई से जुड़े आईओटी पर केंद्रित हो रहा है। नई 5जी तकनीक और सुरक्षित सॉफ़्टवेयर पर भी कार्य चल रहा है।
कैट-1 बिस तकनीक दुनिया में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली आईओटी तकनीक बनी हुई है, जबकि रेडकैप तकनीक अभी शुरुआती चरण में है और इस पर रिसर्च जारी है।
-- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस