क्या पंचतृण एक प्राकृतिक किडनी क्लींजर है जो मूत्र विकारों को दूर रखता है?

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क्या पंचतृण एक प्राकृतिक किडनी क्लींजर है जो मूत्र विकारों को दूर रखता है?

सारांश

पंचतृण एक अद्भुत औषधि है जो न केवल गर्मियों में ठंडक प्रदान करती है, बल्कि किडनी की सफाई और स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जानें इसके लाभ और उपयोग विधि।

Key Takeaways

  • पंचतृण गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है।
  • यह किडनी और मूत्राशय की सफाई में सहायक है।
  • इसके सेवन से पित्त दोष संतुलित होता है।
  • यह त्वचा की समस्याओं को कम करता है।
  • इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में पंचतृण को एक अद्भुत और बहुपरकारी औषधि के रूप में देखा जाता है, जो खासकर गर्मियों में शरीर के आंतरिक तापमान को संतुलित करके प्राकृतिक ठंडक प्रदान करती है। इसमें शामिल हैं काश, कुश, दरभ, इक्षु और शर, जो मिलकर न केवल शरीर को ठंडा रखते हैं, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी राहत देते हैं।

पंचतृण का काढ़ा बहुत ही फायदेमंद होता है। इसे एक शीतल पेय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और यह शरीर में पित्त दोष को संतुलित करता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा पर लाल दाने, जलन, और नाक से खून आने जैसी समस्याओं में सुधार होता है। यह रक्त को शुद्ध करता है और पित्तजनित विकारों को समाप्त करता है, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार रहती है।

इस काढ़े में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो किडनी और मूत्राशय की गहराई से सफाई करते हैं। यह पेशाब के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और सूजन को कम करता है। नियमित सेवन से मूत्र पथरी के बनने की आशंका घटती है, और पहले से मौजूद पथरी धीरे-धीरे घुलकर बाहर निकलने लगती है।

इसके अतिरिक्त, यह काढ़ा बुखार और अत्यधिक प्यास की स्थिति में भी राहत और ठंडक प्रदान करता है। गरमी के दिनों में यह पेय शरीर को हाइड्रेट रखता है और आंतरिक ठंडक देता है।

पंचतृण काढ़ा बनाने की विधि भी सरल है। पांचों औषधियों को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर हल्का गुनगुना सेवन करें। इसे सुबह खाली पेट और शाम को भोजन के बाद 100 मिलीलीटर की मात्रा में 7 से 10 दिन तक लिया जा सकता है। हालाँकि, ठंडे मौसम में इसका सेवन सीमित मात्रा में करें और गर्भवती महिलाएं या ठंडी प्रकृति वाले व्यक्ति इसे चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही लें।

Point of View

बल्कि एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली का हिस्सा है। इसे प्राकृतिक रूप से तैयार किया गया है जिससे यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि प्रभावी भी है। इसे अपनाने से लोगों को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, और यह हमारे प्राचीन चिकित्सा पद्धति की ताकत को दर्शाता है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

पंचतृण का उपयोग कैसे करें?
पंचतृण का काढ़ा बनाने के लिए पांच औषधियों को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो छानकर हल्का गुनगुना सेवन करें।
क्या पंचतृण किडनी के लिए फायदेमंद है?
जी हाँ, पंचतृण किडनी की सफाई में मदद करता है और मूत्र पथरी के बनने की संभावनाओं को कम करता है।
किस समय पर पंचतृण का सेवन करना चाहिए?
इसे सुबह खाली पेट और शाम को भोजन के बाद लिया जा सकता है।
क्या गर्भवती महिलाएं पंचतृण का सेवन कर सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को पंचतृण का सेवन चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
पंचतृण के क्या लाभ हैं?
पंचतृण रक्त को शुद्ध करता है, त्वचा की समस्याओं में राहत देता है, और शरीर को ठंडक प्रदान करता है।