क्या हिमालयी इलाके में उगने वाली मुलेठी है चमत्कारी?

सारांश
Key Takeaways
- मुलेठी एक अद्भुत जड़ी-बूटी है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- यह श्वसन और त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत देती है।
- मुलेठी का सेवन पाचन में सुधार लाने में मदद करता है।
- इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है।
- हिमालय क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारे देश को आयुर्वेद का जनक माना जाता है क्योंकि समुद्र मंथन से भगवान धन्वतरि ने अमृत कलश और जड़ी बूटी लेकर प्रकट हुए थे, जिन्हें आयुर्वेद का दाता कहा जाता है।
आयुर्वेद में हजारों जड़ी-बूटियाँ विद्यमान हैं। इन जड़ी-बूटियों में से एक अद्भुत पौधा है मुलेठी, जिसे शरीर के लिए एक वरदान माना जाता है। आयुर्वेद में इसे यष्टिमधु के नाम से जाना जाता है और इसे विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।
मुलेठी एक बारहमासी पौधा है, जिसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। इसकी खेती मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में होती है। मुलेठी का संबंध वात और पित्त से है, जिसे यह संतुलित करता है। यह मीठे स्वाद की होती है और कई रोगों में राहत देने में सहायक होती है। इसकी तासीर ठंडी और स्वाद मीठा होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनो-मॉड्यूलेटर गुण होते हैं, जो अनेक बीमारियों में राहत प्रदान करते हैं, हालाँकि कफ की प्रवृत्ति होने पर इसे कम से कम लेना चाहिए।
मुलेठी का उपयोग कई समस्याओं में किया जाता है। यदि आपको श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे खांसी, सांस लेने में कठिनाई, अस्थमा, या गले में दर्द का सामना करना पड़ता है, तो मुलेठी का सेवन लाभदायक होगा। इसके उपयोग से गले के वोकल कॉर्ड को आराम मिलता है और आवाज मधुर होती है। इसके लिए मुलेठी को एक चम्मच सितोपलादि चूर्ण और शहद के साथ मिलाकर सेवन करें, यह गले के रुखेपन को भी कम करने में मदद करेगा।
वहीं, त्वचा और बालों की समस्याओं में भी मुलेठी अधिक प्रभावी है। यह गंजापन, चेहरे के दाग-धब्बे, खुजली, और बालों के गिरने जैसी समस्याओं में राहत देती है। इसके लिए मुलेठी और भृंगराज चूर्ण का एक चम्मच चूर्ण दूध के साथ अच्छे से मिला लें और इसे चेहरे और बालों की स्कैल्प पर लगाएँ। इससे चेहरे की कांति बढ़ेगी। मुलेठी का सेवन पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है, जबकि महिलाओं को मेनोपॉज से संबंधित परेशानियों में भी राहत प्रदान करता है। इसके लिए मुलेठी का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। मुलेठी पेट संबंधी समस्याओं में भी लाभकारी है।
यदि आपको कब्ज, पाचन में कमी, भूख न लगना, और बार-बार गैस बनने की समस्या होती है, तो मुलेठी को आंवला चूर्ण और सूखे धनिए के चूर्ण के साथ ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, मुलेठी और सौंफ को पीसकर पाउडर भी बना सकते हैं।