क्या एक्टर सोनू सूद ने बच्चों के लिए सरकार से ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर कदम उठाने की गुजारिश की?
सारांश
Key Takeaways
- सोनू सूद ने बच्चों की सुरक्षा की बात की।
- ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया को बच्चों के लिए बैन किया।
- भारत में ऐसे ठोस कानूनों की आवश्यकता है।
- बच्चों को स्क्रीन एडिक्शन से मुक्ति मिलनी चाहिए।
- सरकार को बच्चों के भविष्य के लिए कदम उठाने चाहिए।
मुंबई, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोशल मीडिया के माध्यम से 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने कई प्लेटफार्मों को बच्चों के लिए पूरी तरह से बैन कर दिया है। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सोनू सूद ने ऑस्ट्रेलिया के इस महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत किया है और अपनी सरकार से भी ऐसा ही निर्णय लेने की अपील की है।
सोनू सूद ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने पहले से ही 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया को पूर्ण रूप से बैन कर दिया है। अब हमें भी भारत में ऐसा कदम उठाने की आवश्यकता है। हमारे बच्चे असली बचपन जीने के हकदार हैं, उन्हें अपने परिवार के साथ बंधन बनाने का अवसर मिलना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण है कि उन्हें स्क्रीन के एडिक्शन से मुक्ति मिले।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें हमारी सरकार से अपेक्षा है कि वे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए और विश्व के समक्ष एक अच्छा उदाहरण पेश करने के लिए सही कदम उठाएं। आइए, हम अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कुछ बेहतर करें।"
भारत में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग पर कोई ठोस कानून नहीं है। सोशल मीडिया पर वयस्कता के लिए एक कानून बनाया गया है, जिसमें किसी भी वीडियो को अपलोड करने से पहले 'नॉट फॉर किड्स' विकल्प चुनना होता है। यह सेटिंग कुछ वीडियो को बच्चों तक पहुँचने से रोकती है, लेकिन पूर्ण नियंत्रण सुनिश्चित नहीं करती। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद उनका पहुंचना किसी भी उपयोगकर्ता तक संभव है। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून लागू किया है, जिसके तहत सोशल मीडिया की बड़ी कंपनियों को 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का अकाउंट बनाने से पहले उनके माता-पिता से अनुमति लेनी होगी।
इस नियम के अंतर्गत ऑनलाइन डेटा की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया है, न कि बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए। ऑस्ट्रेलिया द्वारा उठाए गए इस आवश्यक कदम की चारों ओर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया की पहुंच इतनी बढ़ गई है कि गलत वीडियो के वायरल होने के बाद उन पर कार्रवाई की मांग उठती है। हाल ही में रणवीर अलाहाबादिया और समय रैना के कॉमेडी शो में भी कुछ ऐसा ही देखा गया था, जहां माता-पिता और महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक बातें कही गई थीं। लेकिन देश में ऐसे एपिसोड के प्रसारण और सामग्री के लिए कोई नियम नहीं है।