क्या अदिवि शेष का डबिंग पर विचार आपको सोचने पर मजबूर करेगा?

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क्या अदिवि शेष का डबिंग पर विचार आपको सोचने पर मजबूर करेगा?

सारांश

अदिवि शेष ने अपने हालिया इंटरव्यू में फिल्म डबिंग के प्रभाव पर विचार साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे अनुवाद के चलते भावनाएं प्रभावित होती हैं। जानें, उन्होंने क्यों फैसला किया कि उनकी आने वाली फिल्में सीधे दोनों भाषाओं में शूट की जाएं।

Key Takeaways

  • फिल्में दोनों भाषाओं में शूट करके भावनाओं का सही संप्रेषण।
  • डबिंग के दौरान भावनाओं का अनुवाद खो जाता है।
  • अदिवि शेष का अनुभव कहानी लेखन में उपयोगी।
  • दर्शकों के साथ सीधा जुड़ाव बढ़ाना।
  • डकैत फिल्म का महत्व और कलाकारों की सूची।

मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रमुख और प्रसिद्ध कलाकारों में से एक अदिवि शेष ने राष्ट्र प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में एक महत्वपूर्ण कलात्मक निर्णय के बारे में चर्चा की। फिल्म उद्योग में अक्सर, कलाकार अपनी फिल्मों को एक भाषा में शूट करके दूसरी भाषा में डब करने का विकल्प चुनते हैं, ताकि अधिक से अधिक दर्शक उन्हें देख सकें।

इसके विपरीत, अदिवि शेष ने एक अलग और चुनौतीपूर्ण रास्ता चुना। उन्होंने निर्णय लिया कि उनकी फिल्में अब दोनों भाषाओं, हिंदी और तेलुगु में शुरू से शूट की जाएंगी, ताकि कहानी और भावनाओं का प्रभाव हर भाषा में असली बना रहे।

अदिवि शेष ने कहा, ''यह निर्णय मैंने अपने पिछले अनुभवों के आधार पर लिया। मैं खुद फिल्मों की कहानी लिखता हूं और जानता हूं कि कागज पर लिखी और स्क्रीन पर दिखाई देने वाली भावनाएं हमेशा एक जैसी नहीं होतीं। जब किसी फिल्म को दूसरी भाषा में डब किया जाता है, तो इन भावनाओं का अनुवाद करना पड़ता है। और अक्सर इस अनुवाद के दौरान भावनाओं का मूल सार खो जाता है।''

उन्होंने आगे कहा, ''कुछ शब्द और वाक्यांश केवल उस भाषा के लिए ही स्वाभाविक और प्रभावी होते हैं। ऐसे में डबिंग के कारण कभी-कभी फिल्म का असली अनुभव दर्शकों तक नहीं पहुँच पाता।''

अदिवि शेष का मानना है कि जब अभिनेता किसी भाषा में सीधे अपने संवादों को भावनाओं के साथ निभाते हैं, तो दर्शकों के दिल से जुड़ाव बढ़ता है। उन्होंने कहा, "हालांकि यह रास्ता कठिन है, परंतु यह हमेशा बेहतर होता है कि फिल्म को लिखकर और शूट करके दोनों भाषाओं में पेश किया जाए, बजाय इसके कि केवल बड़े दर्शक समूह को डबिंग के जरिए दिखाया जाए।"

अदिवि शेष ने अपनी आने वाली फिल्म 'डकैत' को डबिंग के बजाय दोनों भाषाओं में एक साथ शूट किया है। इस फिल्म में अदिवि शेष के अलावा मृणाल ठाकुर, निर्देशक और अभिनेता अनुराग कश्यप, प्रकाश राज, सुनील, अतुल कुलकर्णी, जैन मैरी खान और कामाक्षी भास्करला जैसे कलाकार भी शामिल हैं।

Point of View

जहां एक तरफ दर्शकों की संख्या बढ़ाने की चुनौती है, वहीं दूसरी ओर कला की वास्तविकता को बनाए रखने का प्रयास भी है। यह दृष्टिकोण हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हमें दर्शकों की संख्या से ज्यादा कला के मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

अदिवि शेष ने क्यों डबिंग की बजाय दोनों भाषाओं में शूट करने का निर्णय लिया?
अदिवि शेष का मानना है कि डबिंग के दौरान भावनाओं का अनुवाद सही नहीं हो पाता, जिससे दर्शकों का अनुभव प्रभावित होता है।
'डकैत' फिल्म में कौन-कौन से कलाकार हैं?
'डकैत' में अदिवि शेष के अलावा मृणाल ठाकुर, अनुराग कश्यप, प्रकाश राज, सुनील, अतुल कुलकर्णी, जैन मैरी खान और कामाक्षी भास्करला जैसे कलाकार शामिल हैं।
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