क्या 'अमर सिंह चमकीला' के बारे में इम्तियाज अली ने इंटरनेशनल एमी फेस्टिवल में कहा?
सारांश
Key Takeaways
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता: 'अमर सिंह चमकीला' को इंटरनेशनल एमी अवार्ड्स में नामांकित किया गया।
- कला और प्रेम: इम्तियाज ने बताया कि फिल्म कला और कलाकार के बीच के प्रेम को दर्शाती है।
- नेटफ्लिक्स का सहयोग: फिल्म के निर्माण में नेटफ्लिक्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
मुंबई, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्म 'अमर सिंह चमकीला' ने भारतीय सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इस फिल्म को इंटरनेशनल एमी अवार्ड्स में नामांकित किया गया है। इसे दो श्रेणियों में नामांकित किया गया है, पहली बेस्ट एक्टर और दूसरी बेस्ट फिल्म के लिए।
इस अवसर पर, इम्तियाज अली और प्रोड्यूसर मोहीत चौधरी ने 53वें इंटरनेशनल एमी वर्ल्ड टेलीविजन फेस्टिवल में भाग लिया और पैनल चर्चा में अपनी फिल्म और अनुभवों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इम्तियाज ने पैनल को बताया कि उनके लिए यह फिल्म केवल एक कहानी नहीं है, बल्कि यह कला और कलाकार के बीच के प्रेम को प्रस्तुत करती है।
फिल्म बनाने के अनुभव को साझा करते हुए इम्तियाज ने कहा, "शुरुआत में हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जब नेटफ्लिक्स ने फिल्म के निर्माण और रिलीज में मदद की, तो सभी समस्याएं हल हो गईं। नेटफ्लिक्स ने इस फिल्म के विषय पर विश्वास जताया और इसे बनाने में आत्मविश्वास दिखाया। उनका समर्थन इतना मजबूत था कि हमने फिल्म को उसी तरह बनाया जैसा हम हमेशा चाहते थे। नेटफ्लिक्स की भूमिका असाधारण और प्रेरणादायक रही।"
इम्तियाज ने आगे कहा, "एक कलाकार और उसकी कला का रिश्ता वैसा ही होता है जैसे दो प्रेमियों के बीच का। कभी-कभी कलाकार केवल पैसे, सफलता या शोहरत के लिए नहीं, बल्कि अपनी कला के लिए काम करता है। यही भावना अमर सिंह चमकीला के किरदार में स्पष्ट होती है। फिल्म का संदेश यह है कि सच्चा कलाकार अपनी कला को जीता है, उसके लिए कुछ भी त्याग कर सकता है, और यही सबसे बड़ी प्रेरणा है।"
फिल्म की वास्तविकता को और भी जीवंत बनाने के लिए, इम्तियाज और उनकी टीम ने चमकीला की हत्या की जगह, मेहसांपुर पर फिल्म की शूटिंग की। इम्तियाज ने बताया कि जब हम सभी उस जगह पहुंचे, तो 34 साल बाद भी सब कुछ वैसा ही था। घर, बाहरी भूमि, और वह स्थान जहां चमकीला ने भोजन किया था, सब कुछ वैसा ही था। यह अनुभव फिल्म के लिए और भी सजीव और भावनात्मक बना।
इम्तियाज ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "फिल्म के दौरान दिलजीत दोसांझ ने जिस स्थान पर दृश्य शूट किया, वहां की वास्तविकता ने हमें गहराई से प्रभावित किया। यह फिल्म केवल एक बायोपिक नहीं है, बल्कि कला और कलाकार के बीच के अनकहे भावों की कहानी है। इस फिल्म के माध्यम से दर्शकों को यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि कलाकार की प्रेरणा और जुनून केवल बाहरी सफलताओं के लिए नहीं होता, बल्कि अपनी कला के प्रति प्यार और अंदर से आने वाली भावनाओं के लिए होता है।"