'जामताड़ा' फेम एक्टर ने क्यों कहा कि सोशल मीडिया फॉलोअर्स की कमी के कारण नहीं मिला रोल?

Click to start listening
'जामताड़ा' फेम एक्टर ने क्यों कहा कि सोशल मीडिया फॉलोअर्स की कमी के कारण नहीं मिला रोल?

सारांश

क्या सोशल मीडिया फॉलोअर्स की कमी ने अभिनेता अंशुमान पुष्कर को फिल्में गंवाने पर मजबूर किया? उन्होंने हाल में इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की है। जानिए उनके अनुभव और छोटे शहरों के अभिनेताओं के लिए बदलते दरवाजों के बारे में।

Key Takeaways

  • सोशल मीडिया की महत्ता अभिनय में बढ़ी है।
  • छोटे शहरों के अभिनेता अब हर तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं।
  • प्रतिभा का मूल्यांकन सोशल मीडिया फॉलोअर्स से नहीं होना चाहिए।

मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 'जामताड़ा' के अभिनेता अंशुमान पुष्कर ने हाल ही में खुलासा किया कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की कमी के कारण उन्हें कुछ फिल्में करने का मौका नहीं मिला।

एक विशेष बातचीत में, पुष्कर ने बताया कि फॉलोअर्स की संख्या के कारण उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका खो दी थी।

उन्होंने कहा, "मैं इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं लेता। यदि कोई निर्माता या निर्देशक प्रतिभा से ज्यादा सोशल मीडिया फॉलोअर्स को प्राथमिकता देते हैं, तो यह उनका अधिकार है। इसका मतलब यह नहीं कि जो अभिनेता नहीं चुना गया, उसमें कम प्रतिभा है।"

जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके अनुसार आज के समय में अभिनय कौशल से ज्यादा सोशल मीडिया पर मौजूदगी जरूरी है? तो उन्होंने कहा, "आप रणबीर कपूर जैसे सितारे से तुलना नहीं कर सकते, जिनके पास पहले से ही प्रशंसकों की बड़ी संख्या है। हम जैसे अभिनेताओं की कास्टिंग केवल इंस्टाग्राम के फॉलोअर्स के आधार पर हो गई है।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है। यह तो बस सिस्टम का एक हिस्सा है।"

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह धारणा कि छोटे शहरों के अभिनेता सिर्फ ग्रामीण भूमिकाओं में ही फिट बैठते हैं, अब बदल रही है।

उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि कंगना रनौत, दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत और पंकज त्रिपाठी जैसे अभिनेता छोटे शहरों से आए हैं और इन्होंने हर तरह की भूमिकाएं निभाई हैं।

अंशुमान पुष्कर को हाल ही में राजकुमार राव की गैंगस्टर ड्रामा 'मालिक' में 'बदौना' का किरदार निभाते देखा गया था। इस फिल्म में उनका किरदार नकारात्मक था।

जब उनसे पूछा गया कि क्या ग्रे शेड्स भूमिकाएं निभाने से उनके लिए अन्य रोल करने की संभावनाएं सीमित होंगी? तो उन्होंने कहा, "किरदार तो किरदार होते हैं, चाहे वे नकारात्मक हों या सकारात्मक।"

उन्होंने कहा, "मैं हर तरह के किरदार निभाने के लिए तैयार हूं।"

'मालिक' 11 जुलाई को रिलीज हुई थी और इसे मिली-जुली समीक्षाएं मिलीं।

Point of View

जहां सोशल मीडिया की दुनिया में अभिनय की प्रतिभा कई बार पीछे छूट जाती है। इस बदलाव को समझना और स्वीकारना आवश्यक है।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

अंशुमान पुष्कर ने सोशल मीडिया फॉलोअर्स के बारे में क्या कहा?
उन्होंने बताया कि कम फॉलोअर्स के कारण उन्हें कुछ महत्वपूर्ण रोल गंवाने पड़े।
क्या सोशल मीडिया पर मौजूदगी आज के समय में जरूरी है?
पुष्कर के अनुसार, आजकल निर्माताओं के लिए यह महत्वपूर्ण हो गया है।
क्या छोटे शहरों के अभिनेताओं के लिए अवसर बढ़ रहे हैं?
हाँ, यह धारणा बदल रही है और छोटे शहरों के अभिनेता अब विभिन्न भूमिकाएं निभा रहे हैं।