क्या आर्ट थेरेपी मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने का बेहतरीन उपाय है?
सारांश
Key Takeaways
- आर्ट थेरेपी एक प्रभावी मानसिक स्वास्थ्य साधन है।
- यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है।
- कला के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करना फायदेमंद है।
- रंगों से खेलना और चित्र बनाना त्वरित परिणाम देता है।
- यह आत्म-साक्षात्कार और शांति का अनुभव कराता है।
नई दिल्ली, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज के डिजिटल युग में तकनीक ने हमारे काम को आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही यह कई मानसिक समस्याओं का कारण भी बन गया है। अनियमित दिनचर्या, गैजेट्स पर निर्भरता और काम का दबाव मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक चुनौती बन चुका है।
इस स्थिति में आर्ट थेरेपी दिमाग को स्थिर रखने में सहायक साबित हो रही है।
फिल्म निर्माता और लेखिका ताहिरा कश्यप इस थेरेपी को अत्यधिक प्रभावी मानती हैं। ताहिरा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो के साथ एक विस्तृत कैप्शन साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे बिना किसी विचार के, आंखें बंद करके या तेजी से रंग भरने से मन को अद्भुत शांति और खुशी मिलती है।
उन्होंने लिखा, “मैं आर्ट थेरेपी से बेहद संतुष्ट हूं। जो आप सोचते हैं, वही आपकी कला में प्रकट होता है। बस काले आउटलाइन बनाएं और रंग भरें - चटक रंग, धारियां, बिंदु, आकार, या हल्के रंग कुछ भी। कभी-कभी आंखें बंद करके और कभी बिना सोचे-समझे बनाते रहें। प्रवाह में रहना ही सबसे सुंदर कला है और यही सबसे अच्छी थेरेपी भी है।”
ताहिरा ने अपनी पेंटिंग को देखते हुए कहा कि हम जो भीतर महसूस करते हैं, वह कागज पर स्वतः उभर आता है। उन्होंने इसे “मायरोन एनाटॉमी (शरीर रचना)” के समान बताया, विशेषकर पेट के हिस्से को। हम अपनी भावनाओं को बाहर निकाल रहे होते हैं।” ताहिरा का मानना है कि एक अच्छा कलाकार वही है जो दिल से और बेखौफ होकर कार्य करता है, न कि जो केवल परफेक्ट बनाए।
गौरतलब है कि आर्ट थेरेपी तनाव, चिंता, और डिप्रेशन को कम करने में मदद करती है और मन में नई ऊर्जा का संचार करती है। मनोवैज्ञानिक भी इस प्रकार की थेरेपी की सिफारिश करते हैं। रंगों के साथ खेलना, ड्रॉइंग करना, या मिट्टी के बर्तन बनाना त्वरित परिणाम देते हैं।