क्या आशा पारेख ने अपने फैंस से 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना है।
- आशा पारेख ने अपने फैंस से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है।
- यह अभियान लोगों को एकजुट करने में मदद करता है।
- आशा पारेख ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण फ़िल्में की हैं।
- भारत सरकार ने इस अभियान को आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया था।
मुंबई, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वरिष्ठ अभिनेत्री आशा पारेख, जिन्होंने 'तीसरी मंजिल', 'उपकार', 'कटी पतंग', और 'नादान' जैसी चर्चित फ़िल्मों में अपने अभिनय का जादू बिखेरा है, ने अपने प्रशंसकों से 'हर घर तिरंगा' अभियान को सफल बनाने का निवेदन किया है।
अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह गर्व से तिरंगा थामे हुए हैं। उन्होंने प्रशंसकों से 'हर घर तिरंगा' अभियान में भाग लेने की अपील की है। तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा, "जैसे जैसे हमारा देश स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में जुटा है, आइए हम सब मिलकर 'हर घर तिरंगा' अभियान को आगे बढ़ाएं। तिरंगा वॉलंटियर बनें और 11 से 15 अगस्त तक अपने घर पर तिरंगा फहराएं। अपनी तिरंगे के साथ सेल्फी वेबसाइट 'हर घर तिरंगा डॉट कॉम' पर अपलोड करें।"
'हर घर तिरंगा' अभियान को भारत सरकार ने 2022 में आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत आरंभ किया था। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करना और तिरंगे के साथ व्यक्तिगत एवं भावनात्मक जुड़ाव स्थापित करना है। यह अभियान देशभर में लोगों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आशा पारेख ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म 'मां' से की थी। उन्हें प्रसिद्ध निर्देशक बिमल रॉय ने एक स्टेज पर डांस करते हुए देखा था, जिसके बाद उन्होंने अभिनेत्री को फ़िल्म 'बाप बेटी' में काम दिया था, हालाँकि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होंने कुछ और फ़िल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया, लेकिन फिर पढ़ाई के लिए फ़िल्मों से कुछ समय के लिए अलविदा ले लिया।
चार दशकों से अधिक के अपने करियर में उन्होंने 85 से अधिक फ़िल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। 1992 में उन्हें सिनेमा में योगदान के लिए भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया। 2020 में उन्हें प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार भी मिला। आशा पारेख आज भी अपनी कला और सामाजिक कार्यों के माध्यम से लोगों को प्रेरित कर रही हैं।