क्या अच्छे कंटेंट से दर्शक टीवी और ओटीटी पर आएंगे? असित मोदी ने दी अपनी राय
सारांश
Key Takeaways
- अच्छा कंटेंट दर्शकों को आकर्षित कर सकता है।
- टीवी परिवार को जोड़ने का कार्य करता है।
- हर प्लेटफॉर्म पर उत्कृष्ट कंटेंट उपलब्ध है।
- असित मोदी का शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' एक ब्रांड बन चुका है।
- टेलीविजन के लिए पुरस्कार समारोह की आवश्यकता है।
मुंबई, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन टेलीविजन अकादमी (आईटीए) के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर अनेक टेलीविजन हस्तियों ने पुरस्कार समारोह में भाग लिया। इस मौके पर प्रसिद्ध टेलीविजन शो 'तारक मेहता' के निर्देशक असित मोदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार समारोह इस उद्देश्य से आयोजित किया गया है ताकि भारतीय टेलीविजन के कलाकारों और तकनीशियनों की मेहनत को सम्मान मिले।
असित मोदी ने कहा, "25 वर्षों से निरंतर शशि और अंजू जी इसी उत्साह से यह पुरस्कार समारोह कर रहे हैं। टीवी उद्योग में इतने लंबे समय तक एक पुरस्कार समारोह का सफलतापूर्वक संचालन अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस अवसर पर मैं शशि और अंजू को बधाई देने आया हूँ।"
उन्होंने टीवी और ओटीटी पर बात करते हुए कहा, "प्रौद्योगिकी का प्रभाव पड़ता है। लोग कहते हैं कि टीवी का दर्शन कम हो रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि यदि अच्छा कंटेंट प्रस्तुत किया जाए तो दर्शक अवश्य आएंगे। टीवी तो परिवार को जोड़ने का कार्य करता है। इसे पूरा परिवार एक साथ देखता है। टीवी की मूल्य हमेशा बनी रहेगी।"
सोशल मीडिया और ओटीटी के बारे में उन्होंने कहा, "आज हर प्लेटफॉर्म उत्कृष्ट कंटेंट दे रहा है। चाहे वह ओटीटी हो, टीवी या सोशल मीडिया। दर्शकों के लिए यह जैसे छप्पन भोग बन गया है। ऐप पर भी मनपसंद शो मिल जाते हैं। यदि पसंद न आए तो चैनल या ऐप बदल सकते हैं।"
असित ने अपने शो पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "शो आज भी चल रहा है, और जब तक संभव है, इसे चलाते रहेंगे। आज भी लोग इसे पसंद कर रहे हैं और यह हंसी और खुशी देने वाला एकमात्र शो है 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा'। मुझे गर्व है कि लोग इसे बड़े उत्साह से देखते हैं। यह एक शो नहीं, बल्कि एक ब्रांड है, जिसे मैंने कड़ी मेहनत से बनाया है और मेरी टीम भी दिल से कार्य करती है।"
उन्होंने कहा, "शशि जी और अंजू जी पुरस्कार के आयोजन में बहुत मेहनत करते हैं, और टेलीविजन से संबंधित अभी तक कोई पुरस्कार समारोह नहीं है, जबकि फिल्म उद्योग के लिए भारत सरकार भी पुरस्कार देती है।"