क्या बढ़ सकते हैं दुष्परिणाम? दिल्ली एक्यूआई पर ईशान खट्टर ने जताई चिंता
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में एक्यूआई का स्तर गंभीर है।
- ईशान खट्टर ने प्रदूषण पर चिंता जताई है।
- प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
- बच्चों और बुजुर्गों पर इसका दुष्प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता है।
- हवा में मौजूद प्रदूषक गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
मुंबई, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। सर्दियों के मौसम में प्रदूषण और पराली जलाने की समस्या ने शहर की हवा को इतना दूषित कर दिया है कि नागरिकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, हर व्यक्ति की स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
शनिवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। कुछ स्थानों पर यह आंकड़ा 700 से भी ऊपर चला गया है। इस बीच, बॉलीवुड अभिनेता ईशान खट्टर ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता प्रकट की।
ईशान खट्टर ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा, ''साफ हवा में सांस न ले पाना बेहद बुरा है, लेकिन जहरीली हवा में जीने को मजबूर होना पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह स्थिति अब केवल एक्यूआई की संख्याओं तक सीमित नहीं रह गई है। यह हर व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा एक गंभीर मामला बन चुका है। हर साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है और यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसके दुष्परिणाम और बढ़ सकते हैं।''
ईशान खट्टर का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है और कई लोग इस पर सहमति जता रहे हैं। इससे पहले, तापसी पन्नू, कृति सेनन, वाणी कपूर और ऋचा चड्ढा जैसी अभिनेत्रियों ने भी प्रदूषण की गंभीरता को लेकर अपनी चिंताओं का इजहार किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता प्रदूषण न केवल सांस संबंधी समस्याएं बढ़ाता है, बल्कि यह कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी उत्पन्न करता है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुँच कर ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इसके दुष्प्रभाव अधिक गंभीर हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्तचाप जैसी समस्याओं का खतरा भी बढ़ता है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसके नकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। लगातार जहरीली हवा में सांस लेने वाले लोग थकान, सिरदर्द और नींद में कमी जैसी समस्याओं का सामना करते हैं।