क्या पहली मिस इंडिया मेहर कैस्टेलिनो का निधन हो गया?
सारांश
Key Takeaways
- मेहर कैस्टेलिनो का निधन भारतीय फैशन के लिए एक बड़ी हानि है।
- उन्होंने फैशन पत्रकारिता में नई दिशा दी।
- उनकी किताबें फैशन की गहराई और संस्कृति को दर्शाती हैं।
- मेहर ने कई प्रमुख फैशन इवेंट्स में भाग लिया।
- वे हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहीं।
मुंबई, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की प्रथम फेमिना मिस इंडिया मेहर कैस्टेलिनो का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु की पुष्टि फेमिना मिस इंडिया संगठन ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के माध्यम से की। मुंबई की गलियों से लेकर भारत की फैशन दुनिया तक, उनका नाम सदैव याद रखा जाएगा।
1960 और 1970 के दशकों में मेहर ने अपनी मेहनत और प्रतिभा से फैशन उद्योग में एक अनूठा स्थान स्थापित किया। वे केवल भारत की पहली मिस इंडिया नहीं बनीं, बल्कि फैशन जर्नलिज्म को एक नई दिशा भी दी। उनके परिवार में उनके पुत्र कार्ल, बहू निशा और पुत्री क्रिस्टिना शामिल हैं।
मेहर कैस्टेलिनो का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1964 में फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता और भारत का प्रतिनिधित्व मिस यूनिवर्स और मिस यूनाइटेड नेशन्स प्रतियोगिताओं में किया। वे ग्लैमर या शोबिज की दुनिया तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि पत्रकारिता में भी कदम रखा और फैशन को एक गंभीर और प्रतिष्ठित पेशे के रूप में मान्यता दिलाई।
उनका पत्रकारिता करियर 1973 में आरम्भ हुआ और पहला लेख ईव्स वीकली में प्रकाशित हुआ। इसके बाद वे फैशन पत्रकार बन गईं और उनके लेख लगभग 130 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में छपते रहे। उनका नाम फैशन और लाइफस्टाइल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आवाज के रूप में उभरा।
मेहर ने भारतीय समाज में फैशन की समझ और विचारधारा को गहराई से प्रभावित किया।
उन्होंने फैशन पर कई किताबें भी लिखीं, जिनमें 'मैनस्टाइल', 'फैशन कैलिडोस्कोप', और 'फैशन म्यूजिंग्स' शामिल हैं। इन किताबों में उन्होंने फैशन ट्रेंड्स, उद्योग के विकास और स्टाइल की बारीकियों को सरल एवं स्पष्ट तरीके से समझाया। उनकी लेखनी में केवल फैशन नहीं, बल्कि उसके इतिहास, संस्कृति और उद्योग की संरचना भी प्रतिबिम्बित होती है।
मेहर बड़े फैशन इवेंट्स जैसे लैक्मे फैशन वीक और अन्य प्रमुख फैशन वीक्स में आधिकारिक फैशन लेखक के रूप में कार्य करती रहीं। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव के कारण उन्हें फैशन संस्थानों और पुरस्कारों में जज और स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया जाता था। उनका दृष्टिकोण हमेशा फैशन को सिर्फ ग्लैमर नहीं, बल्कि एक उद्योग के रूप में देखने पर आधारित रहा।
उनकी पत्रकारिता केवल फैशन तक सीमित नहीं थी। वे सौंदर्य, जीवनशैली, यात्रा और फैशन के व्यवसाय जैसे विषयों पर भी लेख लिखती रहीं। वे हमेशा लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।