क्या पवन सिंह ने 'छठी मईया' से पीएम मोदी की जीत की कामना की?
सारांश
Key Takeaways
- पवन सिंह का नया गाना 'घाटे चलले मोदी नीतीश' राजनीतिक और धार्मिक दोनों पहलुओं को छूता है।
- पवन ने बीजेपी में शामिल होने के बाद चुनावी प्रचार का जिम्मा अपने कंधों पर लिया है।
- उनकी पत्नी ज्योति सिंह भी राजनीति में सक्रिय हैं।
- पवन सिंह की फैन फॉलोइंग उन्हें चुनावी प्रचार में मदद कर सकती है।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने हाल ही में बीजेपी में शामिल होने के बाद यह स्पष्ट किया है कि वह पार्टी के लिए एक निष्ठावान सिपाही के रूप में कार्य करेंगे और चुनाव में नहीं उतरेंगे।
पवन सिंह ने छठ पूजा और बिहार चुनाव में नीतीश कुमार और पीएम मोदी की विजय की कामना की है। उन्होंने एक ही समय में दो उद्देश्यों को साधते हुए यह बात की है।
उनका नया छठ और चुनावी गाना 'घाटे चलले मोदी नीतीश' हाल ही में जारी हुआ है। इस गाने में पवन सिंह छठी मईया से प्रार्थना कर रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार और पीएम मोदी की जीत हो। गाने के बोल हैं, 'छठी माई दी हैं आशीर्वाद ररुरा...घाटे चली हो मोदी जी उठाके दऊरा…'। गाने के बोल अशोक श्योपुरी ने लिखे हैं और गाया पवन सिंह ने। यह गाना उनके आधिकारिक चैनल पर जारी किया गया है, जिसे प्रशंसक बहुत पसंद कर रहे हैं।
एक यूजर ने कहा, "पवन सिंह की आवाज़ दिल को छू जाती है, हर साल का छठ गीत तो पवन सिंह ही लाते हैं, जो भक्ति और भाव से भरा होता है।"
दूसरे यूजर ने लिखा, "पवन भैया ने कह दिया तो अबकी बार भाजपा सरकार, जय मोदी नीतीश... जय हो पावरस्टार।" गाने से स्पष्ट है कि पवन सिंह चुनावों में सीधे नहीं उतर रहे हैं, लेकिन प्रचार के जरिए जनता का दिल जीतने का प्रयास कर रहे हैं। उनका प्रचार बीजेपी को लाभ भी पहुँचाएगा, क्योंकि उनकी फैन फॉलोइंग केवल बिहार में ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी है। सोशल मीडिया पर उन्हें ५.५ मिलियन लोग फॉलो करते हैं और प्यार लुटाते हैं।
गौरतलब है कि पवन सिंह ने साल २०२४ में बीजेपी से चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी। वह काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी में अपनी पसंदीदा सीट न मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय काराकाट सीट से चुनाव लड़ा और हार गए। इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन उनकी पत्नी ज्योति सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और अपना नामांकन भी भरा है। ज्योति कई महीनों से काराकाट सीट में जन-संपर्क यात्रा कर रही हैं और लोगों की सहायता भी कर रही हैं। देखना होगा कि इसका चुनावों में क्या असर होता है।