क्या 'डियर मैन' मानव तस्करी की वास्तविकता को उजागर करता है? यूट्यूब पर हुआ प्रीमियर

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'डियर मैन' मानव तस्करी की गंभीरता को उजागर करती है।
- सयानी गुप्ता ने चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाई है।
- दीपेश टांक की वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है।
- फिल्म का प्रीमियर विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर हुआ।
- यह फिल्म समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास करती है।
मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 'विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस' के अवसर पर अभिनेत्री सयानी गुप्ता की फिल्म 'डियर मैन' का प्रीमियर हुआ। यह फिल्म मानव तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे को उजागर करती है।
फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाली सयानी गुप्ता ने बताया कि इस फिल्म ने उन्हें एक ऐसे किरदार में ढलने का मौका दिया जो दीपेश टांक नामक सामाजिक कार्यकर्ता की हिम्मत को दर्शाता है। दीपेश ने मानव तस्करी के खिलाफ अपनी जान जोखिम में डालकर एक गुप्त मिशन को अंजाम दिया था।
सयानी ने कहा, ''डियर मैन इस बात की याद दिलाती है कि मानव तस्करी की ये कहानियाँ किसी और समय या किसी और दुनिया की नहीं हैं, ये आज भी होती हैं, कभी-कभी हमारे पास के ही इलाकों में, जहां हम रहते हैं, खाते हैं और स्क्रॉल करते हैं।''
सयानी ने बताया कि इस भूमिका में खुद को पूरी तरह ढालना आसान नहीं था। उन्होंने कहा, ''यह आसान नहीं था, लेकिन यह जरूरी महसूस हुआ। डायरेक्टर कीथ गोम्स के साथ काम करना मजेदार था क्योंकि वह संवादों से ज्यादा खामोशियों पर भरोसा करते हैं, जिससे मुझे अंदर छिपी, ज्यादा गहरी भावनाओं को खोजने का मौका मिला।”
फिल्म की कहानी बिहार के एक दूरदराज गांव की है, जहां एक बचावकर्मी दो नाबालिग लड़कियों को तस्करी के जाल से बचाने की कोशिश करता है। यह पूरी कहानी दीपेश टांक के असली जीवन पर आधारित है। दीपेश ने अपने गुप्त अभियान के लिए राज्यपाल पदक जीता था।
फिल्म के निर्देशक कीथ गोम्स ने इस फिल्म को विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस पर रिलीज करने का कारण बताया। उन्होंने कहा, ''हमने यह फिल्म इस दिन रिलीज इसलिए की क्योंकि यह दिन हमें असहज सच्चाई का सामना करने पर मजबूर करता है। जब मैंने पहली बार दीपेश के मिशन के बारे में पढ़ा, तो यह किसी नायक की कहानी नहीं, बल्कि यह ऐसे इंसान की कहानी लगी जो बस अपने सिद्धांत के आधार पर आगे बढ़ रहा है और दो लड़कियों की मदद करने में सिस्टम की नाकामियों के बाद उसने सब कुछ दांव पर लगा रखा है।”
दीपेश टांक ने कहा मानव तस्करी की दुनिया को जानने के अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे वह कोई अजनबी हैं। जैसे यह कोई दूसरी दुनिया है, जहां बचपन की कोई उम्र नहीं होती। कीथ ने फिल्म के जरिए इस काले सच को उजागर किया है, जो हम अक्सर केवल अखबारों की सुर्खियों में देखते हैं।''
उन्होंने उम्मीद जताई कि फिल्म देखकर लोग यह महसूस करना बंद कर देंगे कि यह समस्या उनसे दूर है। उन्होंने कहा, ''यह समस्या हमारे सोचने से भी ज्यादा करीब है। और अगर मैंने अपने फील्ड वर्क में कुछ सीखा है, तो वह यह कि हर बचाव एक नई कहानी लिखता है।''
'डियर मैन' फिल्म का प्रीमियर कीथ गोम्स के यूट्यूब चैनल पर किया गया है।