क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने 'पोन्नियिन सेलवन 2' के गाने से जुड़े विवाद में रहमान को राहत दी?

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क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने 'पोन्नियिन सेलवन 2' के गाने से जुड़े विवाद में रहमान को राहत दी?

सारांश

दिल्ली हाई कोर्ट ने 'पोन्नियिन सेलवन-2' के गाने 'वीरा राजा वीरा' के विवाद में ए.आर. रहमान को राहत दी है। जजों की बेंच ने पहले दिए गए आदेश को रद्द किया है, जिससे रहमान और निर्माताओं को राहत मिली है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और कोर्ट के फैसले का क्या है असर।

Key Takeaways

  • दिल्ली हाई कोर्ट ने ए.आर. रहमान को राहत दी है।
  • कॉपीराइट विवाद 'वीरा राजा वीरा' गाने से जुड़ा है।
  • जूनियर डागर ब्रदर्स ने 'शिव स्तुति' के उपयोग का आरोप लगाया था।
  • कोर्ट ने पहले के आदेश को रद्द कर दिया है।
  • गाने में आधुनिक संगीत तत्वों का उपयोग किया गया है।

नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 'पोन्नियिन सेलवन-२' के चर्चित गाने 'वीरा राजा वीरा' से संबंधित एक महत्वपूर्ण कॉपीराइट विवाद में निर्णय सुनाया है। इस मामले में संगीतकार ए.आर. रहमान पर जारी किया गया अंतरिम रोक आदेश अब दो न्यायाधीशों की बेंच द्वारा रद्द कर दिया गया है। यह विवाद जूनियर डागर ब्रदर्स की शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' के कथित उपयोग को लेकर शुरू हुआ था।

इस मामले में पद्मश्री सम्मानित शास्त्रीय गायक उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने आरोप लगाया था कि फिल्म के इस गीत की धुन उनके परिवार की प्राचीन रचना की हूबहू नकल है, जबकि ए.आर. रहमान और निर्माताओं ने इसे पूरी तरह से मौलिक और स्वतंत्र कृति बताया।

पहले, एकल न्यायाधीश ने ए.आर. रहमान और फिल्म निर्माता मद्रास टॉकीज और लाइका प्रोडक्शंस को निर्देश दिया था कि वे विवादित गाने के संबंध में दो करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करें और गाने के क्रेडिट में जूनियर डागर ब्रदर्स के दिवंगत उस्ताद नासिर फैयाजुद्दीन डागर और उस्ताद नासिर जहीरुद्दीन डागर को उचित श्रेय दें।

इसके बाद ए.आर. रहमान ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। अब दिल्ली हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इस एकल जज के आदेश को सैद्धांतिक तौर पर रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि उन्होंने मामले की समान राय विकसित की है और विवादित आदेश को अब आगे नहीं मानेंगे।

अदालत ने फिलहाल ए.आर. रहमान और निर्माताओं को राहत देते हुए उन्हें यह स्पष्ट किया कि वे दो करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के तहत अभी बाध्य नहीं हैं।

दरअसल, उस्ताद फैयाज वासिफुद्दीन डागर ने दावा किया था कि 'वीरा राजा वीरा' गाना उनकी पारिवारिक शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' की कॉपी है। यह रचना जूनियर डागर ब्रदर्स द्वारा १९७० के दशक में बनाई गई थी और उनके निधन के बाद इसका कॉपीराइट परिवार को मिला है। डागर परिवार का कहना था कि गाने के संगीत में उनके पूर्वजों की रचना का बिना अनुमति उपयोग किया गया और इसका श्रेय भी नहीं दिया गया।

वहीं, ए.आर. रहमान और निर्माताओं की ओर से कहा गया था कि यह गाना १३वीं सदी के नारायण पंडित आचार्य की रचना से प्रेरित है और इसकी रचना स्वतंत्र है। उन्होंने तर्क दिया कि गीत के निर्माण में कई आधुनिक संगीत तत्वों और लेयर्स का उपयोग किया गया है, जिससे यह एक मौलिक कृति बनती है।

बता दें कि भारत में शास्त्रीय संगीत की रचनाओं का संरक्षण कॉपीराइट कानून के अंतर्गत आता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि कॉपीराइट कानून का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। हमें उम्मीद है कि इस मामले का समाधान न्याय और निष्पक्षता के साथ किया जाएगा।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली हाई कोर्ट ने ए.आर. रहमान को किस मामले में राहत दी?
दिल्ली हाई कोर्ट ने 'पोन्नियिन सेलवन-2' के गाने 'वीरा राजा वीरा' से जुड़े कॉपीराइट विवाद में ए.आर. रहमान को राहत दी।
क्या था विवाद का मुख्य कारण?
विवाद का मुख्य कारण गाने में 'जूनियर डागर ब्रदर्स' की शास्त्रीय रचना 'शिव स्तुति' के कथित उपयोग को लेकर था।
क्या ए.आर. रहमान को कोर्ट में पैसे जमा करने के लिए कहा गया था?
हाँ, पहले ए.आर. रहमान को कोर्ट में दो करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन अब यह आदेश रद्द कर दिया गया है।
क्या डागर परिवार का दावा क्या था?
डागर परिवार ने आरोप लगाया था कि गाने की धुन उनकी पारिवारिक रचना 'शिव स्तुति' की नकल है।
क्या रहमान ने गाने की मौलिकता का दावा किया?
जी हाँ, ए.आर. रहमान और निर्माताओं ने गाने को पूरी तरह मौलिक और स्वतंत्र कृति बताया।