क्या मीठी नदी घोटाले में डिनो मोरिया को ईडी का दूसरा समन मिला?

सारांश
Key Takeaways
- डिनो मोरिया को ईडी ने मीठी नदी घोटाले में समन भेजा है।
- उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
- यह मामला कई बिचौलिए और अधिकारियों को शामिल करता है।
- ईडी पहले भी उनसे पूछताछ कर चुकी है।
- अभी तक उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। मीठी नदी सफाई घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया को समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें बुधवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया है। ईडी पहले भी डिनो मोरिया से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन इस बार उन्हें कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए दोबारा बुलाया गया है। माना जा रहा है कि घोटाले से जुड़े कुछ लेन-देन और आर्थिक गतिविधियों में डिनो मोरिया की भूमिका की जांच की जा रही है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में पहले भी कई अधिकारियों और व्यवसायियों से पूछताछ की जा चुकी है।
ईडी ने इस मामले की जांच के अंतर्गत 6 जून को डिनो मोरिया और उनके भाई सैंटिनो मोरिया के मुंबई में स्थित घर और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। जांच में यह सामने आया कि सैंटिनो मोरिया ने केतन कदम की पत्नी पुनीता कदम के साथ मिलकर 'यूबीओ राइड्स प्राइवेट लिमिटेड' नामक एक इलेक्ट्रिक कार्ट कंपनी की सह-स्थापना की थी। केतन कदम को इस घोटाले में मुख्य बिचौलिए के तौर पर गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मीठी नदी से गाद हटाने के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया। इसी सिलसिले में ईडी ने डिनो मोरिया को पहले भी तलब किया था और अब दोबारा पूछताछ के लिए समन भेजा है।
बता दें कि इसी मामले में अभिनेता 28 मई को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) जांच अधिकारियों के सामने पेश हुए थे। अधिकारियों ने अभिनेता से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने कई अहम सवालों के जवाब दिए।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक, डिनो मोरिया को इसलिए बुलाया गया, क्योंकि जांच में उनकी और उनके भाई सैंटिनो मोरिया की और इस मामले के मुख्य आरोपी केतन कदम के फोन पर कई बार बातचीत के रिकॉर्ड मिले।
आरोप है कि मीठी नदी की सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें, जैसे कि कीचड़ हटाने वाली और गहरी खुदाई करने वाली मशीन आदि को किराए पर लेने वाले रुपयों का दुरुपयोग हुआ। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोच्चि स्थित कंपनी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से प्राप्त मशीनों के लिए बढ़ी हुई कीमतें चुकाईं। जांचकर्ताओं का मानना है कि इस धोखाधड़ी को बीएमसी के कुछ अधिकारी और मैटप्रॉप कंपनी के कर्मचारी मिलकर अंजाम देते रहे। केतन कदम और उसके साथी जय जोशी ने बीएमसी के पास बढ़ा-चढ़ाकर बिल भेजा, यानी असल कीमत से ज्यादा पैसे मांगे। इस मामले में डिनो मोरिया को आरोपी नहीं बनाया गया है।