क्या एक्टिंग दोहराव और अभ्यास पर निर्भर करती है? : विनय पाठक

सारांश
Key Takeaways
- अभ्यास से अभिनय में सुधार होता है।
- हर कलाकार की अपनी प्रक्रिया होती है।
- स्क्रिप्ट को कई बार पढ़ने से रिसर्च की आवश्यकता कम हो जाती है।
- अनुपम खेर जैसे अनुभवी अभिनेताओं से सीखना फायदेमंद होता है।
- एक अच्छे माहौल में काम करने से रिश्ते मजबूत होते हैं।
मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध अभिनेता विनय पाठक का मानना है कि एक्टिंग की कला दोहराव और अभ्यास पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि अभ्यास किसी किरदार को जीवंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह कई बार रिसर्च से भी ज्यादा आवश्यक हो सकता है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में विनय ने साझा किया कि हर अभिनेता का काम करने का अपना तरीका और शैली होती है, लेकिन अभ्यास सभी के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, "जब हम पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ते हैं, तो दिमाग में किरदार की एक रूपरेखा बन जाती है। आप भावनात्मक रूप से उससे जुड़ जाते हैं।"
विनय पाठक का मानना है कि यदि अभिनेताओं ने अपने स्क्रिप्ट को पढ़ लिया हो, तो उसमें अधिक रिसर्च की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा, "अगर आप स्क्रिप्ट को 9 बार पढ़ लें, तो ज्यादा रिसर्च की आवश्यकता नहीं होती। अभिनय दोहराव और अभ्यास का शिल्प है। सभी कलाकारों की अपनी प्रक्रिया होती है, लेकिन इसे सरल रखना चाहिए।"
विनय ने बताया कि अभिनेता अनुपम खेर ने उन्हें 'खोसला का घोसला' फिल्म की शूटिंग के दौरान कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद चखाया था। साल 2006 में आई फिल्म का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अनुपम खेर सेट पर परिवार जैसा माहौल बना देते हैं। हम डेढ़ महीने तक साथ रहे, साथ खाया और दिन की योजना बनाते थे। आज भी मैं अनुपम खेर, रणवीर शौरी या तारा शर्मा के साथ संपर्क में हूं, क्योंकि हमने उस दौरान एक मजबूत रिश्ता बनाया, हमारे बीच खास रिश्ता बन चुका है।"
विनय ने कहा, "मैं शाकाहारी हूं, इसलिए मुझे लगा कि कश्मीरी खाना मैं नहीं खा सकता। लेकिन, अनुपम मुझे शूटिंग के दौरान दिल्ली में एक जगह पर ले गए और कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद चखाया, जो मुझे बहुत पसंद आया।"
उन्होंने यह भी बताया कि सेट पर अनुपम ने कई मजेदार खेल सिखाए, जैसे 20 सवाल, जिससे शूटिंग का माहौल शानदार बन जाता था।