क्या गायक जुबीन गर्ग की मौत के पीछे कोई साजिश है? पूर्व मैनेजर तरसेम मित्तल एसआईटी के सामने हुए पेश
सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग की मृत्यु से जुड़े कई अनुत्तरित प्रश्न हैं।
- जांच में तरसेम मित्तल की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- दो बार का पोस्टमॉर्टम हुआ है।
- हिमंता बिस्वा सरमा ने हत्या की साजिश का संकेत दिया है।
- गायक के करीबी सहयोगियों की जांच जारी है।
मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की मृत्यु के मामले में असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उनके पूर्व मैनेजर तरसेम मित्तल से गहन पूछताछ की। इस मामले में कई महत्वपूर्ण प्रश्न अब भी अनुत्तरित हैं, जिस कारण जांच एजेंसियां इन सवालों के जवाब खोजने के लिए पूरी तत्परता से जुटी हुई हैं।
प्रारंभिक रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर के मृत्यु प्रमाण पत्र में जुबीन गर्ग की मृत्यु का कारण 'डूबना' बताया गया था। लेकिन, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि इसमें हत्या की साजिश भी शामिल हो सकती है। इसके बाद मामले की जांच को और तेज किया गया है। एसआईटी और सीआईडी ने गायक के पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन के सभी पहलुओं की गहनता से जांच शुरू की है।
जुबीन गर्ग के पेशेवर जीवन में उनके मैनेजर और करीबी सहयोगियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके लंबे समय तक काम करने वाले मैनेजर तरसेम मित्तल को अधिकारियों ने तलब किया है। वह शुक्रवार को बयान दर्ज कराने के लिए कार्यालय में उपस्थित हुए।
तरसेम मित्तल को इसलिए तलब किया गया क्योंकि उन्होंने जुबीन के पेशेवर मामलों का लंबे समय तक प्रबंधन किया और अपने बाद मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा को भी सिफारिश के जरिए टीम में शामिल किया था।
सिद्धार्थ शर्मा अब न्यायिक हिरासत में हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि मित्तल और शर्मा के बीच संबंध से जुबीन के प्रबंधन और वित्तीय लेनदेन की जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।
जुबीन गर्ग का दो बार पोस्टमार्टम हुआ। एक सिंगापुर में और दूसरा गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में। दोनों रिपोर्ट अब असम पुलिस की सीआईडी और जुबीन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग के पास हैं।
जुबीन गर्ग सितंबर में आयोजित होने वाले नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में शामिल होने के लिए सिंगापुर गए थे, लेकिन फेस्टिवल से एक दिन पहले यानी 19 सितंबर को स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनका अंतिम संस्कार असम के गुवाहाटी के कमरकुची एनसी गांव में किया गया था। उनके पार्थिव शरीर को अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से श्मशान घाट लाया गया, जहां हजारों लोग उपस्थित थे। जुबीन को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी।