क्या सुलक्षणा पंडित को उनकी असली पहचान नहीं मिल पाई? - पूनम ढिल्लों

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क्या सुलक्षणा पंडित को उनकी असली पहचान नहीं मिल पाई? - पूनम ढिल्लों

सारांश

सुलक्षणा पंडित, जिनकी अदाकारी और गायकी ने लाखों दिलों को छुआ, अब हमारे बीच नहीं रही। पूनम ढिल्लों ने उनके साथ बिताए लम्हों को याद करते हुए कहा कि उन्हें वह पहचान और शोहरत नहीं मिली, जिसके वे हकदार थीं। जानिए उनके जीवन की कुछ खास बातें।

Key Takeaways

  • सुलक्षणा पंडित का जीवन और करियर प्रेरणादायक था।
  • उन्होंने गायन और अभिनय दोनों में अपनी पहचान बनाई।
  • उनके परिवार ने उन्हें जीवन में समर्थन दिया।
  • सुलक्षणा की प्रतिभा को कम आंका गया।
  • उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।

मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के सत्तर और अस्सी के दशक में अपनी खूबसूरती, मधुर आवाज और अद्वितीय अदाकारी से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाली महान अभिनेत्री एवं गायिका सुलक्षणा पंडित का निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

उनका अंतिम संस्कार मुंबई में किया गया, जहाँ फिल्म जगत के कई प्रसिद्ध कलाकार शामिल हुए। सभी ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। इस मौके पर बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री पूनम ढिल्लों भी मौजूद रहीं।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और कहा, ''सुलक्षणा एक उत्कृष्ट अभिनेत्री और अद्भुत गायिका थीं। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया। शुरुआत में सब कुछ बहुत अच्छा था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी स्थिति बिगड़ती गई।''

पूनम ने कहा कि सुलक्षणा को जितनी शोहरत और पहचान मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिल पाई, जबकि उनके अंदर असाधारण प्रतिभा थी।

पूनम ने आगे कहा, ''सुलक्षणा के परिवार ने, विशेषकर उनकी बहन विजयता पंडित और भाइयों जतिन-ललित ने, उनके अंतिम दिनों में उनकी अच्छी देखभाल की।''

पूनम ने राष्ट्र प्रेस से कहा, ''मैं हमेशा विजयता से कहती रही हूं कि भगवान हर किसी को तुम्हारी जैसी बहन दे। मैं यही प्रार्थना करती हूं कि सुलक्षणा जहां भी हों, उन्हें शांति मिले।''

सुलक्षणा का जन्म संगीत से जुड़े परिवार में हुआ। वे प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की भतीजी थीं। उनके परिवार में कला और संगीत का माहौल हमेशा रहा है। उनकी बहन विजयता पंडित ने भी फिल्मों में अभिनय किया, और उनके भाई जतिन-ललित हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार बने। सुलक्षणा ने अपने करियर की शुरुआत गायिका के रूप में की थी। उनका पहला हिट गाना 1967 में आई फिल्म तकदीर का 'सात समंदर पार से' था, जिसे उन्होंने लता मंगेशकर के साथ गाया था। इस गाने ने उन्हें पहचान दिलाई और संगीत जगत में उनकी जगह मजबूत की।

गायन के बाद उन्होंने अभिनय की ओर कदम बढ़ाया और 1975 में फिल्म 'उलझन' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद वे 'हेरा फेरी', 'वक्त की दीवार', 'अपनापन', और 'खानदान' जैसी फिल्मों में नजर आईं। उन्होंने अपने समय के दिग्गज कलाकारों जैसे राजेश खन्ना, जितेंद्र, विनोद खन्ना, शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ काम किया। अपने अभिनय के साथ-साथ उन्होंने गायकी में भी योगदान दिया और 1976 में फिल्म 'संकल्प' के गीत 'तू ही सागर तू ही किनारा' के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

सुलक्षणा का आखिरी प्लेबैक गाना 1996 में आई फिल्म खामोशी: द म्यूजिकल के लिए था, जिसका संगीत उनके भाइयों जतिन-ललित ने तैयार किया था। इसके बाद वे धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया से दूर होती चली गईं।

Point of View

कभी-कभी पहचान और शोहरत हासिल करना मुश्किल होता है। यह एक संकेत है कि हमें अपने कलाकारों की सराहना करनी चाहिए और उनकी कला का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

सुलक्षणा पंडित कौन थीं?
सुलक्षणा पंडित एक प्रसिद्ध भारतीय गायिका और अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 1970 और 1980 के दशक में कई सफल फिल्मों में काम किया।
सुलक्षणा का पहला हिट गाना कौन सा था?
उनका पहला हिट गाना 1967 में आई फिल्म 'तकदीर' का 'सात समंदर पार से' था।
सुलक्षणा पंडित का निधन कब हुआ?
सुलक्षणा पंडित का निधन 7 नवंबर 2023 को हुआ।
सुलक्षणा ने किन प्रसिद्ध कलाकारों के साथ काम किया?
उन्होंने राजेश खन्ना, जितेंद्र, और विनोद खन्ना जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया।
सुलक्षणा को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें 1976 में फिल्म 'संकल्प' के गीत 'तू ही सागर तू ही किनारा' के लिए फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।