क्या लालकृष्ण आडवाणी भाजपा को 2 से 161 सीटों तक पहुंचाने वाले दिग्गज हैं?

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क्या लालकृष्ण आडवाणी भाजपा को 2 से 161 सीटों तक पहुंचाने वाले दिग्गज हैं?

सारांश

जानिए लालकृष्ण आडवाणी के जीवन और उनके योगदान के बारे में, जिन्होंने भाजपा को अद्वितीय ऊंचाइयों तक पहुँचाया। उनका राजनीतिक सफर और क्रांतिकारी विचारधारा भारतीय राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं।

Key Takeaways

  • लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 1927 में हुआ।
  • उन्होंने आरएसएस में 14
  • आडवाणी ने 1980 में भाजपा की स्थापना की।
  • उनकी राम रथ यात्रा ने भाजपा को नया दिशा दी।
  • आडवाणी के विचार और निष्ठा ने उन्हें अद्वितीय नेता बनाया।

नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय राजनीति में कुछ नाम ऐसे हैं जो पार्टी और विचारधारा से कहीं ऊपर उठकर राजनीतिक चेतना के प्रतीक बन गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ऐसा ही एक नाम हैं।

8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में जन्मे आडवाणी का बचपन देश के विभाजन की त्रासदी से जुड़ा है। विभाजन के समय आडवाणी ने भी दिल्ली का रुख किया। सेंट पैट्रिक स्कूल, कराची और बाद में बॉम्बे लॉ कॉलेज से शिक्षा ग्रहण करने वाले आडवाणी किशोर अवस्था में ही राष्ट्रसेवा से जुड़ गए थे। महज 14 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने पत्रकारिता से की। ऑर्गनाइजर नामक साप्ताहिक में सह-संपादक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने भारतीय राजनीति की गहराइयों को करीब से देखा। यही अनुभव आगे चलकर उन्हें विचारवान राजनीतिज्ञ के रूप में गढ़ता गया।

1950 के दशक में वे जनसंघ से जुड़े और धीरे-धीरे संगठन के प्रमुख स्तंभ बन गए। 1970 में वे राज्यसभा पहुंचे और 1973 में जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। आपातकाल के दौरान 1975 में वे बेंगलुरु जेल में महीनों तक कैद रहे।

1977 में जनता पार्टी सरकार बनने पर आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने। 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, तब वे इसके संस्थापक सदस्य बने। 1986 से 1998 तक अध्यक्ष रहे। उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा ने 1984 के मात्र 2 सीटों से 1989 में 86 सीटों, और 1996 में 161 सीटों तक का चमत्कारी सफर तय किया।

उनकी राम रथ यात्रा (1990) ने भाजपा को जनआंदोलन की पार्टी बना दिया और भारतीय राजनीति में वैचारिक विमर्श को नई दिशा दी। बाद में स्वर्ण जयंती रथ यात्रा (1997) से उन्होंने स्वतंत्रता के 50 वर्षों के राष्ट्रीय उत्सव को जनता तक पहुंचाया।

1999 से 2004 तक वे गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल के प्रमुख स्तंभ रहे। इस अवधि में भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक छवि को सुदृढ़ करने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही।

अटल ने कभी उनके बारे में कहा था कि आडवाणी ने कभी अपने राष्ट्रवादी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और जब-जब परिस्थिति ने मांग की, उन्होंने राजनीतिक लचीलापन भी दिखाया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यही संतुलन उन्हें आदर्श राजनेता बनाता है, जहां विचार और व्यवहार एक-दूसरे के पूरक हैं।

आडवाणी ने 1965 में उन्होंने कमला आडवाणी से विवाह किया। उनके दो बच्चे, प्रतीभा और जयंत हैं।

लालकृष्ण आडवाणी के जीवन की हर पगडंडी इस बात का प्रमाण है कि विचार, निष्ठा और देशभक्ति अगर साथ हों, तो कोई भी यात्रा असंभव नहीं।

Point of View

मेरा मानना है कि लालकृष्ण आडवाणी का योगदान भारतीय राजनीति में अनमोल है। उनका विचारों का संतुलन और निष्ठा ने उन्हें एक आदर्श नेता बनाया है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म कब हुआ था?
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था।
आडवाणी ने भाजपा की स्थापना कब की?
आडवाणी ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की थी।
आडवाणी ने कितनी बार भाजपा के अध्यक्ष का पद संभाला?
आडवाणी ने 1986 से 1998 तक भाजपा के अध्यक्ष का पद संभाला।
राम रथ यात्रा का महत्व क्या था?
राम रथ यात्रा ने भाजपा को जनआंदोलन की पार्टी बना दिया और भारतीय राजनीति में नया मोड़ दिया।
आडवाणी की वैवाहिक स्थिति क्या है?
आडवाणी ने 1965 में कमला आडवाणी से विवाह किया और उनके दो बच्चे हैं।