क्या नेतृत्व और नियंत्रण में बड़ा अंतर है? दिव्या दत्ता की राय

सारांश
Key Takeaways
- नेतृत्व और नियंत्रण के बीच का अंतर समझें।
- दिव्या दत्ता का किरदार इरावती बोस प्रेरणादायक है।
- यह सीरीज राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है।
- सीरीज की स्क्रिप्ट बेहद रोमांचक है।
- सोनी लिव पर 7 अगस्त से स्ट्रीमिंग शुरू होगी।
मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री दिव्या दत्ता जल्द ही आने वाली तेलुगू वेब सीरीज ‘मायासभा: द राइज ऑफ द टाइटन्स’ में दिखाई देंगी। इस सीरीज में वह इरावती बोस का किरदार निभा रही हैं। उन्होंने नेतृत्व और नियंत्रण के बीच के स्पष्ट अंतर पर अपनी सोच साझा की।
दिव्या ने कहा कि नेतृत्व और नियंत्रण में कोई साधारण अंतर नहीं है, बल्कि बहुत बड़ा फर्क है। उनके अनुसार, एक कुशल नेता अपनी टीम के साथ चलता है, जबकि तानाशाही का तंत्र पूरी तरह भिन्न होता है।
‘मायासभा’ के ट्रेलर में दिव्या का किरदार इरावती बोस कहता है, “कौन कहता है कि तानाशाही नेतृत्व नहीं है?”
इस डायलॉग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया, “यह डायलॉग बहुत प्रभावशाली है। नेतृत्व और नियंत्रण में एक बड़ा अंतर है। एक नेता अपनी टीम को प्रेरित करता है, जबकि तानाशाही दूसरों पर हावी होने की कोशिश करती है।”
दिव्या इस सीरीज के साथ तेलुगु फिल्म उद्योग में अपने करियर की शुरुआत करने जा रही हैं। उन्होंने इस अवसर को लेकर उत्साह व्यक्त किया और कहा कि यह उनके 30 साल के करियर में एक नया और रोमांचक कदम है।
दिव्या ने इरावती बोस के किरदार का चयन करने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि इस किरदार की ताकत, स्क्रिप्ट की गहराई और नाटकीयता ने उन्हें आकर्षित किया।
अभिनेत्री ने कहा, “यह स्क्रिप्ट बेहद रोमांचक है। भारतीय स्क्रीन पर इस प्रकार का नाटक पहले कम ही देखा गया है। इरावती का अन्य किरदारों के साथ संबंध और उनकी बारीकियां मुझे एक अभिनेत्री के रूप में उत्साहित करती हैं। निर्देशक ने मुझे इन बारीकियों को निभाने में बहुत मदद की।”
‘मायासभा: द राइज ऑफ द टाइटन्स’ एक राजनीतिक ड्रामा है, जिसका निर्देशन देवा कट्टा और किरण जय कुमार ने किया है। सीरीज में आधी पिनिसेट्टी और चैतन्य राव मुख्य भूमिकाओं में हैं, जबकि साई कुमार, श्रीकांत अय्यर, नासिर और तान्या रविचंद्रन जैसे कलाकार भी महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं।
यह सीरीज 1990 के दशक के अविभाजित आंध्र प्रदेश की अस्थिर राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह दो प्रमुख राजनीतिक हस्तियों, नारा चंद्रबाबू नायडू और वाईएस राजशेखर रेड्डी, की दोस्ती से लेकर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता तक की यात्रा को प्रस्तुत करती है।
यह सीरीज 7 अगस्त से सोनी लिव पर हिंदी के साथ तेलुगू, तमिल और मलयालम में स्ट्रीम होगी।