क्या पुराने जमाने में रिश्ते मजबूत थे जब तकनीक का अभाव था? पंकज त्रिपाठी का अनुभव

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क्या पुराने जमाने में रिश्ते मजबूत थे जब तकनीक का अभाव था? पंकज त्रिपाठी का अनुभव

सारांश

पंकज त्रिपाठी ने पुराने जमाने के प्यार और रिश्तों की मजबूती के बारे में अपने अनुभव साझा किए। क्या तकनीक के अभाव में रिश्ते अधिक मजबूत होते थे? जानें उनकी यादों और अनुभवों के बारे में।

Key Takeaways

  • पुराने प्यार में धैर्य और भरोसा था।
  • टेक्नोलॉजी का अभाव रिश्तों को मजबूत बनाता था।
  • लैंडलाइन फोन पर बातें करने का अनुभव अद्वितीय था।
  • आज के मुकाबले रिश्तों में कम शक था।
  • पंकज और मृदुला का प्यार एक उदाहरण है।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। जाने-माने अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पुराने जमाने के प्यार के बारे में अपनी बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि उस समय का प्यार सादा, धैर्य और भरोसे पर आधारित होता था। पंकज ने अपनी यादों को ताजा करते हुए बताया कि जब वह और उनकी पत्नी मृदुला एक-दूसरे से बात करते थे, तब मोबाइल फोन नहीं थे। वह रोज़ कैंटीन में बैठकर लैंडलाइन फोन पर मृदुला के फोन का इंतज़ार करते थे। उस समय का प्यार इंतज़ार और भरोसे से भरा हुआ था और यह सच्चा हुआ करता था।

जब पंकज त्रिपाठी से पूछा गया कि एक सफल शादी और रिश्ते की कुंजी क्या है, तो उन्होंने कहा, ''हमारे समय में तकनीक का अभाव था। हमारे पास मोबाइल फ़ोन नहीं होते थे। जब हम घर से बाहर निकलते थे, तो हमारे लिए तकनीक बस यही होती थी कि हम सार्वजनिक परिवहन में बैठते थे।''

उन्होंने बताया कि उस समय तकनीक का मतलब केवल यात्रा के साधन थे जैसे ट्रेन, बस, टेम्पो, ऑटो या बाइक

पंकज ने कहा, ''हमारे पास कभी भी मोबाइल नहीं था, केवल लैंडलाइन फोन होता था। फिर जब मोबाइल आया, तो उसके साथ कई नई चीजें भी आईं। अब तो हमारी जिंदगी में 24 घंटे तकनीक का समावेश है। पहले ऐसा नहीं था।''

उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए बताया कि वह हर दिन लैंडलाइन फोन पर मृदुला के फोन का इंतज़ार करते थे।

उन्होंने कहा, ''मुझे याद है जब मैं हॉस्टल में रहता था। रात 8 बजे मृदुला का फोन आता था, कैंटीन के लैंडलाइन पर। पूरा दिन सिर्फ उसी कॉल का इंतज़ार करते हुए निकल जाता था।''

पंकज ने कहा, ''उस समय न तो कोई रिंगटोन होती थी, न ही कॉलर आईडी जिससे पता चले कि कॉल हमारे लिए है। इसलिए हम पूरे दिन बस यही उम्मीद करते थे कि रात 8 बजे फोन जरूर आएगा। अब लोग पूरा दिन यह देखने में लगे रहते हैं कि सामने वाला कहाँ है, उसकी लोकेशन क्या है।''

अभिनेता ने कहा, ''इससे शक पैदा होना शुरू हो जाता है। अब तकनीक की वजह से हम किसी की लोकेशन देख सकते हैं कि वो कहाँ है। कोई घर से निकला, उसकी लोकेशन अपडेट हो रही है, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं बताया।''

अभिनेता ने कहा कि उनके समय में शक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी।

पंकज ने कहा, ''हमारे समय में ऐसे शक नहीं होते थे, क्योंकि हमारे पास इतनी तकनीक नहीं थी। मैं बस शाम को कॉल का इंतजार करता था और फिर हम बात करते थे।''

पंकज और मृदुला की पहली मुलाकात 1993 में कॉलेज के दौरान एक शादी में हुई थी। दोनों ने 2004 में शादी की और 2006 में उनकी बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम आशी त्रिपाठी है।

Point of View

NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

पंकज त्रिपाठी ने पुराने प्यार के बारे में क्या कहा?
पंकज त्रिपाठी ने कहा कि पुराने प्यार में सादगी, धैर्य और भरोसा होता था।
पंकज का अपनी पत्नी से बात करने का तरीका क्या था?
वह लैंडलाइन फोन पर मृदुला के फोन का इंतज़ार करते थे।
पंकज के अनुसार, तकनीक के अभाव में रिश्ते कैसे थे?
उनके अनुसार, उस समय रिश्ते ज्यादा सच्चे और भरोसेमंद थे।
पंकज और मृदुला की शादी कब हुई?
पंकज और मृदुला ने 2004 में शादी की।