क्या रिसाइकल प्लास्टिक से हॉर्मोन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को नुकसान होता है?

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क्या रिसाइकल प्लास्टिक से हॉर्मोन सिस्टम और मेटाबॉलिज्म को नुकसान होता है?

सारांश

हाल की एक अध्ययन में रिसाइकल प्लास्टिक के खतरों का खुलासा हुआ है, जो जीवों के हॉर्मोन और मेटाबॉलिज्म पर गंभीर असर डाल सकता है। क्या हमें रिसाइकल प्लास्टिक के उपयोग पर पुनर्विचार करना चाहिए? जानिए इस महत्वपूर्ण विषय पर क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • रिसाइकल प्लास्टिक में 80 से अधिक रासायनिक तत्व हो सकते हैं।
  • यह जीवों के हॉर्मोन सिस्टम पर गंभीर असर डाल सकता है।
  • प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक संकट है।
  • प्लास्टिक में रसायनों के मिलने से विषाक्तता बढ़ सकती है।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वैश्विक प्लास्टिक संधि पर चर्चा हो रही है।

नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। हम रोज़मर्रा के जीवन में कई बार रिसाइकल प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, लेकिन इसका उपयोग हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। एक नई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि रिसाइकल किए गए प्लास्टिक के एक छोटे से पेलेट में भी 80 से अधिक रासायनिक तत्व मौजूद हो सकते हैं, जो पानी में घुलकर जीवों के हॉर्मोन सिस्टम और वसा चयापचय (लिपिड मेटाबॉलिज्म) पर गंभीर असर डाल सकते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण का संकट अब वैश्विक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य दोनों को खतरा है। इस संकट का समाधान अक्सर 'प्लास्टिक रीसाइक्लिंग' को बताया जाता है, लेकिन इस अध्ययन से साबित होता है कि यह उपाय भी बिना जोखिम के नहीं है।

स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ लाइपज़िग के वैज्ञानिकों ने जर्नल ऑफ हैजर्डस मटेरियल्स में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया कि उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से रिसाइकल किए गए पॉलीइथिलीन प्लास्टिक के पेलेट खरीदे और उन्हें 48 घंटे तक पानी में डुबोकर रखा। इसके बाद उस पानी में जेब्राफिश के लार्वा (लार्वा स्टेज) को पांच दिन तक रखा गया।

शोध के अनुसार, मछलियों के शरीर में वसा के निर्माण, हॉर्मोन नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म से जुड़े जीन की सक्रियता में बदलाव पाया गया।

अध्ययन की प्रमुख लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग में ईकोटॉक्सिकोलॉजी की शोधकर्ता अजोरा कोनिग कार्डगर ने कहा, “इतनी कम अवधि के संपर्क में ही जीवों के भीतर इतनी गहरी जैविक प्रतिक्रियाएं देखना यह दर्शाता है कि प्लास्टिक में मौजूद रसायन जीवों के स्वास्थ्य के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकते हैं।”

पहले के शोधों से यह भी सामने आया है कि प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन इंसानों पर भी असर डालते हैं। जैसे प्रजनन स्वास्थ्य में गिरावट, मोटापा, मधुमेह और कैंसर तक का खतरा।

शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें यह कभी पूरी तरह से पता नहीं होता कि उसमें कौन-कौन से रसायन मौजूद हैं। प्लास्टिक में विभिन्न रसायनों के मिलने से आपसी रासायनिक क्रियाएं हो सकती हैं, जो उस सामग्री को अधिक विषैला बना देती हैं।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के तहत वैश्विक प्लास्टिक संधि को अंतिम रूप देने के लिए दुनिया के सभी देशों के प्रतिनिधि अगस्त में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में अंतिम वार्ता के लिए जुटने वाले हैं।

Point of View

जो न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है। यह अध्ययन एक महत्वपूर्ण चेतावनी है, जिससे हमें अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग के प्रति सजग रहना चाहिए।
NationPress
23/06/2025

Frequently Asked Questions

रिसाइकल प्लास्टिक क्या है?
रिसाइकल प्लास्टिक वह प्लास्टिक है जो पुनर्चक्रण के माध्यम से नए उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है।
क्या रिसाइकल प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
जी हां, रिसाइकल प्लास्टिक में कई हानिकारक रसायन हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान क्या है?
प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान केवल रीसाइक्लिंग नहीं है, बल्कि हमें प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के उपाय भी करने चाहिए।