क्या तेहरान में 50 से अधिक फाइटर जेट्स ने हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- इजरायली वायुसेना ने तेहरान में ईरानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया।
- हमले में 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने भाग लिया।
- ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांड सेंटरों को निशाना बनाया गया।
- हमलों से ईरान की सैन्य क्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
- इजरायल के प्रधानमंत्री ने सैन्य अभियानों को जारी रखने का आश्वासन दिया।
तेल अवीव, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने सोमवार को जानकारी दी कि उनके 50 से अधिक लड़ाकू विमानों ने तेहरान में ईरानी सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले किए। ये हमले इजरायली खुफिया एजेंसी की सटीक जानकारी के आधार पर किए गए, जिनका उद्देश्य ईरान की सैन्य क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाना था।
आईडीएफ के अनुसार, "तेहरान क्षेत्र में व्यापक अभियान के तहत ईरानी शासन के सैन्य मुख्यालय, मिसाइल और रडार निर्माण स्थल, तथा मिसाइल भंडारण सुविधाओं को निशाना बनाया गया।"
आईडीएफ ने यह भी बताया कि हमलों में ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कई महत्वपूर्ण सैन्य कमांड सेंटरों को नष्ट किया गया, जिनमें "थरअल्लाह मुख्यालय" प्रमुख है, जिसके पास तेहरान को आंतरिक और बाहरी खतरों से बचाने की जिम्मेदारी है। इसके साथ-साथ "सैयद अल-शहादा ब्रिगेड" को भी निशाना बनाया गया, जो देश की आंतरिक सुरक्षा की निगरानी करती है।
हमले के तहत ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की एक केंद्रीय सशस्त्र शक्ति "बसीज मुख्यालय" को भी निशाना बनाया गया, जो इस्लामी कानून लागू कराने और नागरिकों पर निगरानी रखने जैसे कार्यों के लिए जाना जाता है।
आईडीएफ ने बयान में कहा कि हमने तेहरान की कई प्रमुख सुरक्षा इकाइयों जैसे अलबोर्ज कॉर्प्स और आंतरिक सुरक्षा बलों के खुफिया तथा सामान्य सुरक्षा पुलिस मुख्यालयों पर भी हमला किया है। इन हमलों से ईरानी शासन की सैन्य क्षमता और नियंत्रण स्थापित करने की शक्ति को गहरा नुकसान हुआ है।
इसके अतिरिक्त, इजरायली वायुसेना ने ईरान के पश्चिमी, केंद्रीय और पूर्वी हिस्सों में स्थित छह प्रमुख सैन्य हवाईअड्डों को भी निशाना बनाया। इन हवाईअड्डों के रनवे, भूमिगत हैंगर, ईंधन भरने वाले विमान और एफ-14, एफ-5 व एएच-1 जैसे लड़ाकू विमानों को नष्ट कर दिया गया।
आईडीएफ ने कहा कि इन विमानों का उद्देश्य इजरायली वायुसेना को रोकना था। अब ईरानी वायुसेना की इन हवाईअड्डों से उड़ान भरने और संचालन करने की क्षमता गंभीर रूप से बाधित हो गई है।
इसी बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को फिर दोहराया कि इजरायल अपने सैन्य अभियानों को ईरान और गाजा दोनों मोर्चों पर पूरी ताकत से जारी रखेगा।