क्या मिडिल क्लास फैमिली का थिएटर जाना कम हो गया है? सोनाक्षी सिन्हा के पास है जवाब

सारांश
Key Takeaways
- सिनेमाघरों में जाने का अनुभव अब महंगा हो गया है।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की अधिकता है।
- परिवारों के लिए मनोरंजक फिल्में बन रही हैं।
- सोनाक्षी की फिल्म ‘निकिता रॉय’ एक परिवारिक फिल्म है।
- कहानियों का भावनात्मक जुड़ाव जरूरी है।
मुंबई, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा की नई फिल्म ‘निकिता रॉय’ सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है। इस मौके पर, अभिनेत्री ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत की और बताया कि मिडिल क्लास परिवार अब थिएटर में कम क्यों जा रहे हैं।
सोनाक्षी ने कहा, “परिवारों के लिए मनोरंजक फिल्मों की कोई कमी नहीं है, लेकिन टिकटों की बढ़ती कीमतें और घर पर उपलब्ध कंटेंट उन्हें सिनेमाघरों से दूर रख रहे हैं।”
‘अकीरा’ और ‘दबंग’ जैसी फिल्मों की फेम एक्ट्रेस ने स्पष्ट किया कि परिवारों के लिए मनोरंजक फिल्में बनना बंद नहीं हुई हैं, बल्कि सिनेमाघरों का अनुभव अब आम परिवारों के लिए महंगा हो गया है।
उन्होंने कहा, “परिवारों के कहानियों की कमी नहीं है। बस परिवार सिनेमाघर जा नहीं रहे। फिल्में और पारिवारिक कहानियां बन रही हैं, लेकिन कंटेंट के कई विकल्प ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। सिनेमाघरों का खर्च आम परिवारों के लिए बहुत अधिक हो गया है। यही वजह है कि लोग कम जा रहे हैं। लेकिन, कहानियां और फिल्में मौजूद हैं।”
सोनाक्षी ने अपनी फिल्म ‘निकिता रॉय’ के बारे में बताया कि यह एक ऐसी फिल्म है, जो परिवार और दोस्तों के साथ सिनेमाघर में देखने का शानदार अनुभव देगी। उन्होंने कहा, “यह फिल्म रोमांच और मनोरंजन से भरी है। यह दोस्तों और परिवार के साथ देखने के लिए बिल्कुल सही है।”
38 वर्षीय अभिनेत्री ने एक अच्छी कहानी के बारे में भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा, “आजकल लोगों का ध्यान जल्दी भटक जाता है। कहानी ऐसी होनी चाहिए, जो शुरू से ही दर्शकों को बांधे रखे। चाहे वह थ्रिलर हो, ड्रामा हो या इमोशनल... भावनात्मक जुड़ाव जरूरी है, ताकि दर्शक अंत तक उसके साथ बंधे रहें।”
‘निकिता रॉय’ में सोनाक्षी के साथ परेश रावल, अर्जुन रामपाल और सुहैल नायर मुख्य भूमिकाओं में हैं। कुश सिन्हा की पहली निर्देशित यह फिल्म 27 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।