क्या हृदयनाथ मंगेशकर शास्त्रीय से लेकर पॉप संगीत के जादूगर थे?

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क्या हृदयनाथ मंगेशकर शास्त्रीय से लेकर पॉप संगीत के जादूगर थे?

सारांश

हृदयनाथ मंगेशकर, जो प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर और आशा भोसले के छोटे भाई हैं, एक अद्वितीय संगीतकार थे। उनकी रचनाएं शास्त्रीय से लेकर पॉप संगीत तक फैली हुई हैं। उनकी उपलब्धियों और उनके संगीत की जादुई दुनिया में खो जाइए।

Key Takeaways

  • हृदयनाथ मंगेशकर भारतीय संगीत के बहुआयामी कलाकार थे।
  • उन्होंने शास्त्रीय से लेकर पॉप संगीत तक अपनी छाप छोड़ी।
  • उनके संगीत ने कई पीढ़ियों को प्रभावित किया।
  • उन्होंने कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए।
  • उनकी रचनाएं आज भी संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं।

मुंबई, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हृदयनाथ मंगेशकर का नाम भारतीय संगीत के क्षेत्र में बड़ी इज्जत से लिया जाता है। वह केवल प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर और आशा भोसले के छोटे भाई ही नहीं थे, बल्कि एक अद्वितीय संगीतकार, गायक और संगीत निर्देशक भी थे।

उनकी विशेषता यह थी कि उन्होंने संगीत की विभिन्न शैलियों में अपनी छाप छोड़ी। शास्त्रीय संगीत से लेकर लोक गीत, पॉप, हिंदी और मराठी फिल्मों के लिए संगीत, दूरदर्शन के नाटकों के लिए धुनें और भजन-गजल एल्बम में, उनकी रचनाएं लोगों के दिलों में गहराई तक बस गईं। यही कारण है कि उन्हें भारतीय संगीत में एक बहुआयामी कलाकार माना जाता है।

हृदयनाथ मंगेशकर का जन्म 26 अक्टूबर 1937 को महाराष्ट्र में हुआ। उनके पिता, पंडित दीनानाथ मंगेशकर, एक प्रमुख शास्त्रीय गायक और थिएटर अभिनेता थे। बचपन से ही हृदयनाथ को संगीत में विशेष रुचि थी। उनके पैर में बचपन में संक्रमण के कारण वे खेलकूद में भाग नहीं ले पाते थे, जिसके चलते उन्होंने पढ़ाई और कहानियों में अपनी रुचि विकसित की। वे रामायण, महाभारत, और ज्ञानेश्वरी जैसी धार्मिक और पौराणिक पुस्तकें पढ़ते थे और बड़े होकर मीराबाई, कबीर, और सूरदास की संत कविताओं में भी रुचि रखते थे।

संगीत में उनका पहला बड़ा अवसर 1955 में आया, जब उन्होंने एचएमवी के लिए एक सूरदास का पद 'निस दिन बरसात नैन हमारे' लिखा जिसका गायन लता मंगेशकर ने किया। यह गाना तुरंत प्रसिद्ध हो गया और हृदयनाथ मंगेशकर को एक संगीतकार के रूप में पहचान दिलाई। उसी साल उन्होंने मराठी फिल्म 'आकाशगंगा' के लिए भी संगीत निर्देशन किया, जिससे उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा।

हृदयनाथ मंगेशकर की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे संगीत की लगभग सभी विधाओं में कुशल थे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत में गहरी पकड़ बनाई, लोक गीतों में जनमानस का दिल जीता, और पॉप संगीत में भी अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों के लिए अनेक गीत तैयार किए। दूरदर्शन चैनल के लिए उन्होंने कई संगीत नाटकों का संगीत दिया। इसके अलावा, उन्होंने मीरा भजन और गालिब की गज़लों पर भी एल्बम बनाकर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक नया आयाम जोड़ा। उनके एल्बम और रचनाएं आज भी संगीत प्रेमियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं।

हृदयनाथ मंगेशकर को उनके कार्य के लिए कई पुरस्कार भी मिले। उन्होंने 1990 में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। 2006 में उन्हें महाराष्ट्र राज्य द्वारा लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2009 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया और 2016 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप पुरस्कार मिला। 2018 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गायक और संगीतकार के लिए सात महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार भी प्राप्त किए।

Point of View

बल्कि एक प्रेरणा भी हैं।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

हृदयनाथ मंगेशकर ने किस वर्ष संगीत में कदम रखा?
हृदयनाथ मंगेशकर ने 1955 में संगीत में कदम रखा।
हृदयनाथ मंगेशकर को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पद्म श्री और महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार शामिल हैं।
उनकी प्रमुख रचनाएं कौन-कौन सी हैं?
उनकी प्रमुख रचनाओं में शास्त्रीय संगीत, लोक गीत और पॉप संगीत के कई गाने शामिल हैं।