क्या रामानंद सागर की 'रामायण' के कारण राजीव गांधी ने रैली कैंसिल की थी?
सारांश
Key Takeaways
- रामायण ने भारतीय टेलीविजन पर एक नई पहचान बनाई।
- इस शो ने राजीव गांधी को रैली रद्द करने पर मजबूर किया।
- रामायण का प्रसारण धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।
- टीवी के माध्यम से समाज में एकता का संदेश दिया गया।
- रेलवे कर्मचारियों ने रामायण देखने के लिए मिलकर टीवी खरीदी।
मुंबई, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय टेलीविजन के प्रसिद्ध शो 'रामायण' ने इसके लेखक, निर्माता और निर्देशक रामानंद सागर को अमर बना दिया है। भले ही उन्होंने इस दुनिया को छोड़ दिया हो, लेकिन जब भी रामायण का नाम आता है, उन्हें याद किया जाता है।
आज रामानंद सागर की जयंती है। इस अवसर पर 'रामायण' में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने उन्हें याद किया है।
सुनील लहरी ने रामानंद सागर को याद करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वे निर्माता को स्वयं भगवान का अवतार बताते हैं। उनका मानना है कि निर्माता पर भगवान की विशेष कृपा थी, तभी कई मुश्किलों के बावजूद रामायण को पूरा किया जा सका। उन्होंने कैप्शन में लिखा, इस सदी के रामायण रचयिता स्वर्गीय श्री रामानंद सागर जी का स्मरण उनके जन्मदिवस पर।
'रामायण' के निर्माण से लेकर टेलीविजन पर प्रसारण तक कई ऐसी बातें हैं जो किसी को भी हैरान कर सकती हैं। टेलीकास्ट के बाद रामायण का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोला था। उस समय टीवी हर किसी के घर में नहीं होती थी, लेकिन फिर भी लोग किसी एक के घर में तय समय पर बैठकर प्रभु श्री राम की लीलाओं का दर्शन करने के लिए आते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामायण के प्रभाव से पूर्व प्रधानमंत्री और नेता भी अछूते नहीं रहे?
रामायण के कारण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी रैली को रद्द करना पड़ा था, क्योंकि उन्हें पता था कि रविवार को सुबह 9 बजे कोई भी रैली में शामिल नहीं होगा। उस समय रविवार सुबह 9 बजे रामायण का प्रसारण होता था। रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने बताया था कि रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री की रैली यूपी में होनी थी, लेकिन जब उन्हें पता चला कि रैली का समय सुबह 9 बजे है, तो उन्होंने रैली रद्द कर दी।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के रामपुर रेलवे स्टेशन पर 'रामायण' के कारण हर रविवार को ट्रेन लेट होती थी। रेलवे अधिकारियों को संदेह हुआ कि हर रविवार सुबह 9 बजे ट्रेन लेट क्यों होती है और पता लगाने पर सामने आया कि रेलवे के वेटिंग रूम में लोग टीवी पर रामायण देखते थे। रामायण देखने के लिए टीवी भी रेलवे स्टाफ ने मिलकर खरीदा था।