क्या जैकी श्रॉफ ने अशोक कुमार की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया?
सारांश
Key Takeaways
- अशोक कुमार का संघर्ष प्रेरणादायक है।
- उन्होंने भारतीय सिनेमा में एंटी-हीरो की अवधारणा को स्थापित किया।
- उनकी फिल्म 'किस्मत' ने भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित किया।
- जैकी श्रॉफ ने उनके प्रति श्रद्धांजलि देकर उनकी महानता को स्मरण किया।
मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता अशोक कुमार की पुण्यतिथि आज है। इस विशेष अवसर पर जैकी श्रॉफ ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की।
जैकी श्रॉफ ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर अशोक कुमार का एक मोंटाज वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, "अशोक कुमार की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धा के साथ याद करते हैं।"
एक प्रसिद्ध कहावत है, "कितने भी प्लान बना लो, लेकिन जो होना होता है, वो होकर ही रहता है।" ऐसा ही कुछ किशोर कुमार के साथ हुआ था। दरअसल, अशोक कुमार अभिनेता इत्तेफाक से बने थे।
अभिनेता के पिता एक पुराने वकील थे, और अशोक ने भी उनके बताए रास्ते पर चलने की कोशिश की, लेकिन वकालत के पहले साल में ही वे असफल हो गए। पिता के डर से, वे अपनी बहन के घर मुंबई चले गए। उस समय उनके जीजा बॉम्बे टॉकीज में काम कर रहे थे। अशोक ने उनसे नौकरी पाने की गुजारिश की, और जीजा ने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में लैबोरेटरी असिस्टेंट की नौकरी दिलवा दी।
इसी तरह असिस्टेंट के तौर पर काम करते हुए, बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने उन्हें फिल्म ‘जीवन नैया’ में अभिनेता का किरदार निभाने का प्रस्ताव दिया। हालांकि, इस निर्णय से उनके परिवार वाले काफी नाराज थे। उन दिनों फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। यहां तक कि अभिनेता की शादी भी टूट गई थी।
अपने करियर की शुरुआत में अशोक कुमार को काफी सफलताएं मिलीं। उन्होंने 'अछूत कन्या', 'हावड़ा ब्रिज', 'किस्मत', 'चलती का नाम गाड़ी', 'बंदिनी', 'बंधन', 'झूला' और 'कंगन' जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों में अभिनय किया। उनकी फिल्म 'किस्मत' (1943) ने भारतीय सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने एंटी-हीरो का किरदार निभाया, जिसने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया।