क्या जान्हवी कपूर ने दीपू चंद्र दास की हत्या जैसी सांप्रदायिकता का विरोध किया है?
सारांश
Key Takeaways
- जान्हवी कपूर ने दीपू चंद्र दास की हत्या पर अपनी आवाज उठाई है।
- उन्होंने इसे कत्लेआम करार दिया।
- सांप्रदायिक भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
- यह घटना बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को दर्शाती है।
- सभी को मानवता के लिए एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
नई दिल्ली, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री जान्हवी कपूर ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा की कठोर निंदा की है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई हत्या का उल्लेख करते हुए इसे 'कत्लेआम' बताया।
जान्हवी कपूर ने लोगों से अपील की कि वे इस मुद्दे की जानकारी प्राप्त करें, सवाल उठाएं और सांप्रदायिक भेदभाव का विरोध करें।
जान्हवी ने लिखा, “दीपू चंद्र दास... यह कत्लेआम है और यह कोई अकेली घटना नहीं है। यदि आपको उसकी बेरहमी से की गई मॉब लिंचिंग के बारे में नहीं पता तो इसके बारे में पढ़ें, वीडियो देखें, और सवाल पूछें।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि इन सबके बाद भी गुस्सा नहीं आता तो यह एक गलत और दोहरा व्यवहार है जो सभी के लिए खतरनाक है। उन्होंने लिखा, "बांग्लादेश में जो हो रहा है, उसे देखकर यदि आपको गुस्सा नहीं आ रहा, तो यह ठीक इसी तरह का दोहरा व्यवहार है, जो हम सबको खत्म कर देगा। हम दुनिया के दूर-दूर के कोने में घटनाओं पर शोक व्यक्त करते हैं जबकि अपने भाई-बहनों को जलते हुए देखते हैं।"
जान्हवी ने स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक कट्टरपंथ की निंदा की और कहा, “किसी भी प्रकार का सांप्रदायिक भेदभाव और कट्टरपंथ, चाहे हम पीड़ित हों या आरोपी, हमें अपनी इंसानियत को नहीं भूलने देना चाहिए। हमें इसे पहचानना चाहिए और खुद को जानकारी से लैस करना चाहिए ताकि हम उन बेगुनाह लोगों के लिए खड़े हो सकें जो इस सांप्रदायिकता में अपनी जिंदगी खो रहे हैं और इससे डरे हुए हैं।”
हाल ही में, बांग्लादेश में एक 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को आग लगा दिया। इस घटना ने भारत सहित कई देशों में आक्रोश पैदा किया है, जिसके तहत देश के कई हिस्सों में विरोध भी देखने को मिला है।