क्या कुणाल खेमू की वेब सीरीज 'सिंगल पापा' को हां करने के लिए आयशा अहमद के पास थे दो कारण?
सारांश
Key Takeaways
- आयशा अहमद का अनुभव इस शो में बेहद खास है।
- कुणाल खेमू के साथ काम करना एक यादगार पल है।
- शो की कहानी परिवारिक रिश्तों पर केंद्रित है।
- यह सीरीज हास्य और संवेदनाओं का मिश्रण प्रस्तुत करती है।
- नेटफ्लिक्स पर यह शो उपलब्ध है, जिसमें कई बेहतरीन कलाकार हैं।
मुंबई, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेटफ्लिक्स की नई कॉमेडी सीरीज 'सिंगल पापा' ने काफी चर्चा उत्पन्न की है। इस शो में काम कर रहीं अभिनेत्री आयशा अहमद ने अपने अनुभव साझा किए हैं। वह सीरीज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और इसे अपने करियर का अहम प्रोजेक्ट मानती हैं। व्यक्तिगत रूप से, उनके लिए शूटिंग का अनुभव बेहद खास रहा।
आयशा अहमद ने कहा, "जब मुझे पहले बार डायरेक्टर शशांक की टीम ने मीटिंग के लिए बुलाया, तो उस दौरान बातचीत का अनुभव काफी सकारात्मक रहा। शशांक के साथ पहली मुलाकात इतनी दिलचस्प थी कि वह लंबे समय तक मेरे मन में बनी रही। कुछ समय बाद, जब मैं काम के सिलसिले में यात्रा कर रही थी, तभी मेरे पास 'सिंगल पापा' सीरीज के लिए कॉल आया। मैंने बिना समय गंवाए तुरंत हां कर दी।"
उन्होंने कहा, "मेरे शो को हां कहने के पीछे दो मुख्य कारण थे: एक तो शशांक जैसे डायरेक्टर के साथ काम करना और दूसरी बात, मेरे साथ कुणाल खेमू स्क्रीन साझा करने वाले थे। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं।"
आयशा ने कहा, "मेरे लिए कुणाल खेमू के साथ काम करना अपने आप में एक यादगार अनुभव है। वह सेट पर हल्का-फुल्का और मजेदार माहौल बनाकर रखते हैं। वह सभी कलाकारों को समर्थन करते हैं और हर सीन में ऐसी ऊर्जा लाते हैं कि बाकी कलाकारों का काम और भी आसान हो जाता है।"
आयशा ने बताया कि उनके साथ शूटिंग इतनी सहज रही कि सब कुछ अपने आप सही समय पर होता चला गया। इस वजह से यह प्रोजेक्ट मेरे लिए और भी खास बन गया।
सीरीज 'सिंगल पापा' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। शो में मनोज पाहवा, कुणाल खेमू, दयानंद शेट्टी, प्राजक्ता कोली, नेहा धूपिया और आयशा रजा मिश्रा जैसे कई प्रतिभाशाली कलाकार शामिल हैं।
कहानी गौरव गहलोत नाम के एक व्यक्ति की है, जो उम्र में बड़ा होने के बावजूद कई बार बच्चों जैसा व्यवहार करता है। तलाक के तुरंत बाद वह बच्चा गोद लेने का निर्णय करता है। इस फैसले से पूरे परिवार में हड़कंप मच जाता है। सभी के मन में एक सवाल होता है: जो व्यक्ति अपनी रोजमर्रा की चीजें संभाल नहीं पाता, वह एक बच्चे की जिम्मेदारी कैसे निभाएगा?
इस फैसले के बाद परिवार में हंगामा, उलझनें और हंसी-ठहाकों से भरा सफर शुरू होता है।