क्या मराठी सीरीज 'बाई तुझ्यापायी' में साजिरी जोशी और क्षिति जोग का साथ देखने को मिलेगा?

सारांश
Key Takeaways
- अंधविश्वास के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा।
- शिक्षा और समानता के महत्व पर जोर।
- 90 के दशक की ग्रामीण पृष्ठभूमि।
- महिलाओं के संघर्षों का चित्रण।
- ज़ी5 पर जल्द ही प्रीमियर।
मुंबई, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मराठी सीरीज 'बाई तुझ्यापायी' में टीवी अदाकारा क्षिति जोग और साजिरी जोशी की विशेष जोड़ी नजर आएगी। यह सीरीज अंधविश्वास के खिलाफ संघर्ष और शिक्षा के महत्व पर जोर देती है।
इसके साथ ही इसमें विभावरी देशपांडे, गौतमी काची, अनिल कांबले, अनिल मोरे, सिद्धेश धुरी और शिवराज वयचल भी शामिल हैं। यह सीरीज तमिल सीरीज 'अयाली' से प्रेरित है, जिसकी कहानी मुथुकुमार ने लिखी है। इस सीरीज को वहां पर बहुत पसंद किया गया था, इसलिए अब इसे मराठी दर्शकों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
'बाई तुझ्यापायी' में ९० के दशक की एक लड़की अहिल्या की यात्रा दिखाई जाएगी। वैसेचा वडगांव में रहने वाली यह युवा लड़की दमनकारी परंपराओं को चुनौती देते हुए डॉक्टर बनने का सपना देखती है। यह सीरीज शिक्षा, समानता और सशक्तीकरण के मुद्दों पर आधारित है, जो अंधविश्वास और सामाजिक मानदंडों से दबी कई महिलाओं के संघर्षों को उजागर करती है। अहिल्या अपनी सोच को बदलने के बजाय लोगों से सवाल पूछती नजर आएगी।
इस सीरीज का निर्देशन निपुण धर्माधिकारी ने किया है, जो मराठी सिनेमा के एक प्रसिद्ध लेखक, अभिनेता और गायक हैं। उन्होंने कहा, "बाई तुझ्यापायी मेरे दिल के करीब है क्योंकि यह पुराने अंधविश्वास के खिलाफ खड़ी होने की कहानी है। अहिल्या की कहानी से हम दिखाना चाहते हैं कि बदलाव एक निश्चयी आवाज से शुरू होता है।"
यह सीरीज निखिल खैरे और मुक्ता बामथे द्वारा लिखी गई है। यह ज़ी5 पर प्रीमियर होगी और इसे निर्माता केयूर गोडसे की सिक्सटीन बाय सिक्सटी-फोर प्रोडक्शन के बैनर तले बनाया जा रहा है।
उन्होंने सीरीज के बारे में बताया, "इस सीरीज के माध्यम से हम एक ऐसी कहानी पेश करना चाहते थे जो सच्ची और सभी के लिए प्रासंगिक हो। यह ९० के दशक के ग्रामीण महाराष्ट्र की कहानी है, लेकिन समानता, आजादी और शिक्षा जैसे मुद्दे आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं।"
'बाई तुझ्यापायी' जल्द ही ज़ी5 पर रिलीज होगी। हालांकि, इसकी रिलीज डेट अभी तय नहीं हुई है। यह सीरीज दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें महिलाओं की समस्याओं के प्रति जागरूक भी करेगी।