क्या बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो रहा है? विवेक अग्निहोत्री का 'गुंडा स्टेट' पर बयान

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' हिंदू नरसंहार को उजागर करती है।
- विवेक अग्निहोत्री ने ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- यह फिल्म तीन घंटे से अधिक लंबी है और रोचक है।
- फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है।
- यह अग्निहोत्री की फाइल्स ट्रिलॉजी का अंतिम भाग है।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री इस समय अपनी आगामी फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में फंस चुकी है और इसके लिए विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस दौरान, उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बंगाल अब 'गुंडा स्टेट' में तब्दील हो चुका है।
राष्ट्र प्रेस को दिए अपने इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि यह फिल्म देश के विभाजन के समय हुए हिंदू नरसंहार पर आधारित है, जिसमें उन्होंने गहन शोध किया और कई लोगों से तथ्य जुटाए। हालांकि, इसके बावजूद कई विरोध उत्पन्न हो रहे हैं, जो अत्यंत दुखद हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे विरोधियों से डरकर नहीं भागेंगे और यह फिल्म पूरे देश में प्रदर्शित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि बंगाल में यह फिल्म रिलीज नहीं होती है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि बंगाल भी भारत का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि जब वे कोलकाता में फिल्म का ट्रेलर लॉन्च करने गए थे, तो उन्हें लॉन्च की अनुमति नहीं दी गई।
अग्निहोत्री ने फिल्म के कलाकारों की भी तारीफ की। उन्होंने अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय की प्रशंसा की है। विवेक ने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' के बाद 'द बंगाल फाइल्स' भी एक महत्वपूर्ण 'हिंदू' विषय पर बनी फिल्म है और उन्हें उम्मीद है कि दर्शक इस फिल्म को भी प्यार देंगे।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में लगातार हत्याएं हो रही हैं और वहां लोकतंत्र पूरी तरह समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, ''बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो रहा है, वह तो गुंडा स्टेट बन चुका है।''
अग्निहोत्री ने युवाओं और बुजुर्गों से फिल्म देखने की अपील की और बताया कि यह फिल्म तीन घंटे से अधिक लंबी है, लेकिन दर्शकों को ऐसा महसूस नहीं होगा क्योंकि फिल्म बहुत ही रोचक है।
गौरतलब है कि पहले इस फिल्म का नाम 'द दिल्ली फाइल्स: द बंगाल चैप्टर' था, जिसे बाद में बदलकर 'द बंगाल फाइल्स: राइट टू लाइफ' किया गया। यह फिल्म 1946 के नोआखली नरसंहार और 'डायरेक्ट एक्शन डे' की हिंसा पर आधारित है, जिसे अग्निहोत्री ने 'हिंदू नरसंहार' के रूप में पेश किया है। यह अग्निहोत्री की 'फाइल्स ट्रिलॉजी' का तीसरा और अंतिम भाग है, जिसमें 'द ताशकंद फाइल्स' (2019) और 'द कश्मीर फाइल्स' (2022) शामिल हैं।
फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और अन्य कलाकार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से 'ए' सर्टिफिकेट मिल चुका है।