क्या 'पंचायत' की सादगी ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है?

सारांश
Key Takeaways
- 'पंचायत' की सादगी और वास्तविकता दर्शकों को जोड़ती है।
- संविका का मानना है कि शो की मासूमियत बरकरार रहेगी।
- दर्शक इसे अपने जीवन से संबंधित मानते हैं।
- शो ने एक विशेष प्रशंसक समुदाय बना लिया है।
- यह शो केवल एक वेब सीरीज नहीं, बल्कि एक पहचान बन गई है।
मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सुपरहिट सीरीज 'पंचायत' में अपने अदाकारी के लिए प्रशंसा प्राप्त कर रही एक्ट्रेस संविका ने हाल ही में इस शो की प्रसिद्धि और दर्शकों के बारे में चर्चा की।
उन्होंने कहा कि 'पंचायत' लोगों को इसलिए भाती है क्योंकि इसकी कहानी आम लोगों की ज़िंदगी से गहराई से जुड़ी हुई है। इसमें दर्शाए गए गाँव, लोग, रिश्ते और भावनाएँ अत्यंत वास्तविक लगती हैं। इसी कारण दर्शक इस शो से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। शो के प्रशंसक काफी वफादार होते हैं। जो एक बार इसे देख लेते हैं, वे हर नए सीजन का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं और इसे दिल से पसंद करते हैं।
'पंचायत' का पहला सीजन कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान लॉन्च हुआ था। दर्शकों ने इस शो को बहुत सराहा। इसकी सादगी भरी, दिल को छूने वाली कहानी ने लोगों के दिलों को जीत लिया।
पिछले कुछ वर्षों में, 'पंचायत' ने एक विशेष प्रशंसक समुदाय बना लिया है। यह प्राइम वीडियो पर भारत के सबसे लोकप्रिय और सफल शो में से एक बन गया है।
संविका ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि 'पंचायत' की कहानी और पात्र अन्य ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर आने वाले शो से अत्यंत भिन्न हैं, और यही इसकी विशेष पहचान है।
उन्होंने कहा, ''हमें गर्व है कि 'पंचायत' को इतनी लोकप्रियता मिली है। किसी ने नहीं सोचा था कि इस सीरीज को इतनी व्यापक सराहना मिलेगी। उस समय जो शो बन रहे थे, वे इससे बिल्कुल भिन्न थे, जिनमें अधिक ग्लैमर और ड्रामा था। 'पंचायत' ने अपनी अनोखी पहचान बनाई और इसे मिला प्यार वास्तव में विशेष है।''
उन्होंने कहा, "विदेशों में रहने वाले लोगों ने भी 'पंचायत' को बहुत पसंद किया है। शो की जड़ों से जुड़ी कहानी ने सभी का दिल जीता है। अब यह शो एक मिसाल बन चुका है। मुझे गर्व है कि दुनिया भर में लोग इसे देख रहे हैं। यह हम सभी के लिए गर्व का पल है।"
एक्ट्रेस ने कहा, ''''पंचायत' अब केवल एक वेब सीरीज नहीं है, बल्कि भारत की एक पहचान बन चुकी है और इससे पूरी टीम को गर्व है। सीरीज के नए सीजन चाहे कितने भी आ जाएं, लेकिन शो की मासूमियत वैसे ही बरकरार रहेगी। यही इसकी सबसे खास बात है।''
जब संविका से पूछा गया कि शो में अब राजनीति के तत्व बढ़ रहे हैं, क्या इससे 'पंचायत' की मासूमियत कहीं खो जाएगी?
उन्होंने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता। भले ही शो में अब राजनीतिक संदर्भ दिखाए जा रहे हैं, फिर भी शो की सच्चाई और अपनापन बना रहेगा। यहाँ लोग एक-दूसरे के प्रतिकूल होते हुए भी एक-दूसरे की मदद करते हैं। यही बात इसे विशेष और दिल से जुड़ा हुआ बनाए रखती है।"