क्या सिंगल मदर होना आसान है? एक्ट्रेस चारु असोपा ने साझा किया अपना अनुभव
Key Takeaways
- सिंगल मदर होना चुनौतियों से भरा है, लेकिन यह आत्म-खोज का अवसर भी है।
- बच्चे का प्यार ही सबसे बड़ा संबल है।
- भावनात्मक जिम्मेदारियों को संभालना कठिन हो सकता है।
- समर्थन और सहायता से चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
- हर दिन एक नया अनुभव है।
मुंबई, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी एक्ट्रेस चारु असोपा ने जून २०१९ में एक्ट्रेस सुष्मिता सेन के भाई राजीव सेन से विवाह किया था और १ नवंबर २०२१ को दोनों एक प्यारी बेटी के माता-पिता बने। एक समय ऐसा भी आया, जब उनके रिश्ते में तनाव आ गया और २०२३ में उनका तलाक हो गया। अब चारु असोपा अपनी बेटी जियाना के साथ रह रही हैं। एक सिंगल मदर के सामने क्या चुनौतियाँ होती हैं, उन्होंने इस पर खुलकर बात की।
एक्ट्रेस चारु असोपा ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में अपने दिल की बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक सिंगल मदर के रूप में उनकी जिंदगी में परिवर्तन आया और कैसे इस सफर ने उन्हें तोड़ा भी और मजबूत भी बनाया।
चारु असोपा ने कहा, "जब मैं अपनी बेटी जियाना के साथ समय बिताती हूं, तो हर पल एक नया अनुभव होता है। सिंगल मदर होना आसान नहीं है। दिन में कई बार ऐसी स्थितियाँ आती हैं जब सब कुछ अकेले संभालना भारी पड़ जाता है। घर, काम, बच्चे की देखभाल और भावनात्मक जिम्मेदारियाँ, सभी को संतुलित करना कभी-कभी मानसिक और शारीरिक रूप से थका देता है।"
चारु ने कहा, "ऐसे दिन भी आते हैं जब लगता है कि काश कोई मेरे साथ होता, कोई ऐसा कंधा जिस पर सिर रखकर थोड़ा आराम मिल सके, लेकिन इस सफर ने मुझे बहुत मजबूत बनाया है। मैंने खुद को एक नई पहचान दी है, एक ऐसी महिला के रूप में जो चाहे कितनी भी थक जाए, लेकिन अपने बच्चे के लिए हर सुबह फिर से खड़ी हो जाती है।"
आईएएनए से बातचीत में चारु ने एक बेहद दिल छू लेने वाली बात कही। उन्होंने कहा, "सारी थकान, तनाव और परेशानियाँ उस वक्त गायब हो जाती हैं जब मेरी बेटी मुझे प्यार से गले लगाती है। जब जियाना मासूमियत से कहती है 'मम्मा, आई लव यू', तो मुझे लगता है कि सारी मेहनत सफल हो गई। यह पल मेरे लिए किसी जादू से कम नहीं होता।"
चारु ने कहा कि यही प्यार उन्हें हर दिन आगे बढ़ने की ताकत देता है। ये छोटे-छोटे पल उन्हें याद दिलाते हैं कि भले ही रास्ता कठिन हो, लेकिन उसकी खूबसूरती किसी भी मुश्किल से बड़ी है।
चारु ने कहा, "सिंगल मदर होना तनावपूर्ण है और इस दौरान कई बार भावनाएँ भारी पड़ जाती हैं। लेकिन फिर भी, मैं इस सफर का हर पल जीती हूं। मेरी बेटी ही मेरी पूरी दुनिया है, ताकत है, प्रेरणा है और जीने की वजह है। वह मेरे जीवन की खुशी है जिसने हर संघर्ष को एक मायने दिया है। माँ होने की जिम्मेदारियाँ बड़ी हैं, लेकिन बेटी का प्यार मुझे हर चुनौती का सामना करने की हिम्मत देता है।"