क्या हृदयनाथ मंगेशकर ने लता दीदी की जयंती को खास बनाया?

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क्या हृदयनाथ मंगेशकर ने लता दीदी की जयंती को खास बनाया?

सारांश

पुणे में लता मंगेशकर की जयंती पर हृदयनाथ मंगेशकर ने उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। इस समारोह में युवा कलाकारों को सम्मानित किया गया और लता दीदी की संगीत यात्रा को याद किया गया। जानें इस खास अवसर की खास बातें।

Key Takeaways

  • लता मंगेशकर की जयंती 28 सितंबर को मनाई जाती है।
  • हृदयनाथ मंगेशकर ने नए कलाकारों को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया।
  • इस समारोह में कई युवा कलाकारों को पुरस्कार दिए गए।
  • लता दीदी की संगीत यात्रा को याद किया गया।
  • यह आयोजन लता मंगेशकर की विरासत को जीवित रखने का एक प्रयास है।

पुणे, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर की जयंती रविवार को पुणे में बहुत ही उत्साह के साथ मनाई गई। इस विशेष अवसर पर उनकी स्मृति को नमन करते हुए उनके छोटे भाई और प्रसिद्ध संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बहन की इच्छा को पूरा करने का संकल्प दोहराया।

उन्होंने कहा कि लता दीदी की जयंती हर साल इसी उत्साहपूर्ण माहौल में मनाई जानी चाहिए, ताकि उनकी संगीतमय विरासत को जीवित रखा जा सके।

हृदयनाथ मंगेशकर ने इस मौके पर भावुक होते हुए कहा, "आज, 28 सितंबर को मेरी बहन लता दीदी की जयंती है। उनके छोटे भाई होने के नाते मैं हमेशा से इस खास दिन को यादगार बनाना चाहता था। उनकी इच्छा थी कि नए और उभरते हुए कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाए, उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाए। इस दिशा में मैं निरंतर प्रयास कर रहा हूं, ताकि उनकी यह ख्वाहिश पूरी हो सके।"

इस अवसर पर पुणे में आयोजित एक विशेष समारोह में हृदयनाथ मंगेशकर ने कई युवा कलाकारों को पुरस्कार प्रदान किए।

उन्होंने बताया कि लता दीदी हमेशा चाहती थीं कि नई प्रतिभाओं को मंच और सम्मान मिले, जिससे वे अपने कला के क्षेत्र में और आगे बढ़ सकें।

इस समारोह में संगीत, कला और संस्कृति से जुड़े कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिन्होंने लता मंगेशकर की संगीतमय यात्रा और उनकी उपलब्धियों को याद किया।

हृदयनाथ मंगेशकर ने अपनी बहन की इस विरासत को जीवित रखने के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिनमें युवा कलाकारों को प्रोत्साहन देना प्रमुख है।

इस समारोह में उपस्थित लोगों ने लता मंगेशकर के गीतों को सुनकर उनकी यादों को ताजा किया।

हृदयनाथ मंगेशकर ने कहा, "लता दीदी की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी कि संगीत की दुनिया में नई प्रतिभाएं उभरें और उन्हें सम्मान मिले। मैं उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।"

इस आयोजन ने न केवल लता मंगेशकर की स्मृति को श्रद्धांजलि दी, बल्कि युवा कलाकारों को प्रेरित करने का भी एक मंच प्रदान किया।

'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर ने अपने सात दशकों के करियर में हजारों गीतों को अपनी आवाज दी। हिंदी सिनेमा के साथ-साथ उन्होंने कई भारतीय भाषाओं में गीत गाए और भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। उनकी मधुर आवाज और भावपूर्ण गायकी आज भी लाखों दिलों में बसी है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि लता मंगेशकर की जयंती केवल एक व्यक्तिगत स्मृति नहीं है, बल्कि यह संगीतमय संस्कृति को संरक्षित करने का एक प्रयास है। हृदयनाथ मंगेशकर का यह संकल्प हमें यह बताता है कि हम सभी को नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

लता मंगेशकर की जयंती कब मनाई जाती है?
लता मंगेशकर की जयंती हर साल 28 सितंबर को मनाई जाती है।
हृदयनाथ मंगेशकर ने किसका सम्मान किया?
हृदयनाथ मंगेशकर ने इस अवसर पर कई युवा कलाकारों को पुरस्कार प्रदान किए।
लता मंगेशकर की सबसे बड़ी ख्वाहिश क्या थी?
लता मंगेशकर की ख्वाहिश थी कि नए कलाकारों को मंच और सम्मान मिले।