क्या सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य ने 30 साल पहले लोखंडवाला दुर्गोत्सव की शुरुआत क्यों की?

सारांश
Key Takeaways
- लोखंडवाला दुर्गोत्सव की स्थापना 1996 में हुई थी।
- यह मुंबई के सबसे बड़े दुर्गा पंडालों में से एक है।
- इस साल 30वां संस्करण मनाया जाएगा।
- अभिजीत भट्टाचार्य ने इसे बंगाली संस्कृति को जीवित रखने के लिए शुरू किया।
- यह उत्सव देशभर से भक्तों को आकर्षित करता है।
मुंबई, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक अभिजीत भट्टाचार्य ने लोखंडवाला दुर्गोत्सव की स्थापना 1996 में की थी। आज यह मुंबई के सबसे भव्य दुर्गा पंडालों में से एक बन चुका है। इस उत्सव का 30 साल का जश्न मनाने के लिए वे उत्साहित हैं। उन्होंने इस दौरान बताया कि उन्होंने लोखंडवाला दुर्गोत्सव की शुरुआत क्यों की।
अभिजीत भट्टाचार्य ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि यह उत्सव परंपरा, कला और उदारता का एक ऐसा संगम है जिसका स्तर कभी कल्पना में भी नहीं लाया जा सकता था। लोखंडवाला दुर्गोत्सव के 30 साल पूरे होने का अवसर मेरे लिए गर्व और आभार का समय है।
उन्होंने आगे बताया कि 1996 में स्थापित लोखंडवाला दुर्गोत्सव आज भव्यता का प्रतीक है, जो परंपरा, कला और उदारता को एक साथ लाता है।
इस साल लोखंडवाला दुर्गोत्सव का 30वां संस्करण 27 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। यह उत्सव देशभर और विदेशों से भक्तों को आकर्षित करने के लिए प्रसिद्ध है। इस पंडाल में कोलकाता के बेहतरीन व्यंजनों का आनंद भी लिया जा सकता है।
अभिजीत ने कहा, “हर साल इतने सारे भक्तों, प्रशंसकों और बॉलीवुड के दोस्तों का स्वागत करना मुझे याद दिलाता है कि हमने इसे मुंबई के हृदय में अपनी समृद्ध बंगाली विरासत को जीवित रखने के लिए शुरू किया था। वर्षों से, दुर्गोत्सव ने लोगों को एकजुट करने और बंगाली संस्कृति को मुंबई की ऊर्जा के साथ मिलाने की एक अद्वितीय परंपरा बनाई है। मुझे इस उत्सव में आने वाले लोगों के प्यार और ऊर्जा से अत्यधिक अभिभूत महसूस होता है। ढाक, धुनुची और भक्ति के 30 और साल इसी तरह चलते रहें।”
अभिजीत भट्टाचार्य 90 के दशक के चर्चित गायक हैं। उन्होंने हिंदी, बंगाली, मराठी, नेपाली, तमिल, भोजपुरी, पंजाबी और उड़िया भाषाओं में कई गाने गाए हैं। एक समय पर उन्हें अभिनेता शाहरुख खान की आवाज माना जाता था।