क्या लकी अली ने जावेद अख्तर को खराब इंसान बताया?

सारांश
Key Takeaways
- लकी अली ने जावेद अख्तर की आलोचना की।
- सोशल मीडिया पर विवाद ने बहस को जन्म दिया।
- जावेद अख्तर का वीडियो फिर से चर्चा में आया।
- लोगों के बीच विभाजन की स्थिति बनी हुई है।
- विचारों का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध गायक लकी अली ने सोशल मीडिया पर लेखक जावेद अख्तर पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि लोगों को उनके जैसा बनने से बचना चाहिए, क्योंकि वे एक खराब इंसान हैं।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब जावेद अख्तर का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में वे देश के हिंदू समुदाय से मुस्लिम समुदाय की तरह न बनने की अपील करते हुए नजर आए।
जावेद को एक नास्तिक के रूप में पहचाना जाता है और वे पारंपरिक प्रथाओं की आलोचना करते हैं, जो समाज को हानि पहुंचाती हैं। वे आलोचनात्मक सोच और प्रगतिशीलता की वकालत करते हैं।
इस वीडियो में, जावेद ने 'शोले' फिल्म का एक प्रसिद्ध सीन बताया, जिसमें धर्मेंद्र ने शिवजी की मूर्ति के पीछे छिपकर बोला था।
जावेद ने कहा कि क्या आज भी ऐसा दृश्य हो सकता है? उन्होंने 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'शोले' के संदर्भ में कहा कि तब भी धार्मिक लोग थे, इसलिए आज ऐसा कोई सीन नहीं लिखा जा सकता।
यह वीडियो एक उपयोगकर्ता द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया गया। एक महिला ने इस वीडियो के साथ लिखा, 'इसलिए पश्चिम बंगाल की उर्दू अकादमी ने जावेद अख्तर को अपने कार्यक्रम में नहीं बुलाया।'
इस पर लकी अली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जावेद अख्तर जैसे मत बनो, वे कभी भी ऑरिजिनल नहीं थे, वे बहुत खराब इंसान हैं।'
इस पर सोशल मीडिया पर गर्मागर्म चर्चा हो रही है। कुछ लोग जावेद अख्तर का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य लकी अली के पक्ष में हैं। यह पहली बार नहीं है जब जावेद अख्तर अपने बयानों के चलते चर्चा में आए हैं।