क्या माधुरी दीक्षित ओडिशा हैंडलूम की ब्रांड एंबेसडर बन गईं?

सारांश
Key Takeaways
- माधुरी दीक्षित को ओडिशा हैंडलूम की ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।
- यह नियुक्ति राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस 2025 के अवसर पर की गई।
- ओडिशा की पारंपरिक बुनाई को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।
- माधुरी ने ओडिशा के कारीगरों की मेहनत की सराहना की।
- उन्होंने ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत को स्वीकारने का संदेश दिया।
भुवनेश्वर, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित को एक और नई उपलब्धि हासिल हुई है। उन्हें राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस 2025 के विशेष अवसर पर ओडिशा हैंडलूम की ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया।
यह घोषणा ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित एक भव्य समारोह में की गई, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कपड़ा एवं हैंडलूम मंत्री प्रदीप बाला सामंत भी उपस्थित रहे।
मंत्री प्रदीप बाला सामंत ने माधुरी दीक्षित की नियुक्ति की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम ओडिशा की पारंपरिक बुनाई और हस्तशिल्प विरासत को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
माधुरी दीक्षित ने भी राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए मंच से एक भावुक और प्रेरणादायक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने ओडिशा के कारीगरों की मेहनत और पारंपरिक बुनाई की सराहना की।
एक्ट्रेस ने कहा, "यह मेरे लिए एक सम्मान और खुशी की बात है कि आज मैं केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि ओडिशा की जीवंत विरासत की एक प्रशंसक के रूप में आपके सामने खड़ी हूं। यहां के हर धागे, हर वस्त्र में ओडिशा की आत्मा बसती है।"
उन्होंने विशेष रूप से बोमकाई साड़ी और संबलपुरी वस्त्रों का उल्लेख किया, यह बताते हुए कि ये कपड़े केवल परिधान नहीं, बल्कि पीढ़ियों की मेहनत, संस्कृति और पहचान के प्रतीक हैं।
माधुरी ने कहा, "यह केवल कपड़े नहीं हैं, यह ओडिशा की रचनात्मकता, सहनशीलता और आत्मा के जीवित प्रमाण हैं।"
उन्होंने पारंपरिक कारीगरी और शिल्प को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी से अपील की कि वे ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करें और इसे अपनाएं।
एक्ट्रेस ने कहा, "जब हम हैंडलूम चुनते हैं, तो हम गरिमा चुनते हैं। जब हम अपने कारीगरों का समर्थन करते हैं, तो हम अपनी विरासत की रक्षा करते हैं। और जब हम ओडिशा को पहनते हैं, तो हम गर्व पहनते हैं। आइए मिलकर गर्व से कहें, ओडिशा रा अस्मिता।"