क्या मुंबई के अंधेरी वेस्ट के सोरेंटो अपार्टमेंट में लगी आग ने फिल्ममेकर संदीप सिंह को बाल-बाल बचा लिया?
सारांश
Key Takeaways
- संदीप सिंह की सुरक्षा ने उनके परिवार और प्रशंसकों को राहत दी।
- आग लगने की घटना ने सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को फिर से उजागर किया।
- फिल्म निर्माता का करियर और उनकी फिल्में दर्शकों में लोकप्रिय हैं।
मुंबई, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के अंधेरी वेस्ट इलाके के सोरेंटो अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में बृहस्पतिवार को एक भयंकर आग लग गई, जिसने १२, १३ और १४वें फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया। इस अपार्टमेंट के १४वें फ्लोर पर मशहूर फिल्म निर्माता संदीप सिंह का निवास स्थान है।
संदीप सिंह कई चर्चित हिंदी फिल्मों के प्रोड्यूसर और निर्देशक हैं, जिनमें 'मैरी कॉम', 'सरबजीत', 'अलीगढ़', 'झुंड', 'स्वतंत्र्या वीर सावरकर', 'सफेद' और 'छत्रपति शिवाजी महाराज' जैसी फिल्में शामिल हैं।
हाल ही में, वह हर्निया के उपचार के बाद कोकिलाबेन हॉस्पिटल से घर लौटे थे। इस भीषण आग की घटना में संदीप सिंह सुरक्षित हैं। अभिनेत्री अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की जैन ने तुरंत उन्हें अपने घर ले जाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।
संदीप सिंह के सुरक्षित रहने की खबर ने उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों को राहत दी है।
उनका करियर सिनेमा में लंबा और सफल रहा है। उन्होंने अपनी यात्रा पत्रकारिता से शुरू की और बाद में भंसाली प्रोडक्शन का हिस्सा बने। बाद में, उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी लेजेंड स्टूडियोज की स्थापना की। उनके द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई, बल्कि आलोचकों से भी सराहना प्राप्त की।
'मैरी कॉम' में प्रियंका चोपड़ा की शानदार अदाकारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, जबकि 'सरबजीत' और 'अलीगढ़' ने सामाजिक मुद्दों पर गहरी छाप छोड़ी। 'झुंड' और 'स्वतंत्र्या वीर सावरकर' जैसी फिल्मों में उनकी मेहनत और इतिहास के प्रति संवेदनशीलता स्पष्ट है।
संदीप सिंह सिर्फ प्रोड्यूसर नहीं, बल्कि एक सफल निर्देशक भी हैं। उन्होंने फिल्म 'सफेद' से निर्देशन में कदम रखा, जो काफी सराही गई। इसके साथ ही, उन्होंने नाथूराम गोड्से पर आधारित 'गोड्से' नामक एक फिल्म का निर्देशन भी किया। यह फिल्म उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, और उन्होंने कहा कि वह नाथूराम की कहानी दर्शकों के सामने लाना चाहते थे। यह कहानी सभी को जाननी चाहिए।