क्या नालंदा साहित्य महोत्सव में संजय मिश्रा ने राजगीर के बदलावों की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- राजगीर में नालंदा साहित्य महोत्सव का आयोजन हो रहा है।
- संजय मिश्रा ने बिहार में सिनेमा के विकास पर जोर दिया।
- महत्वपूर्ण है कि फिल्म सिटी के साथ-साथ सिनेमा हॉल भी हों।
- महोत्सव की भव्यता और व्यवस्था की सराहना की गई।
- अभिनेता ने दोबारा महोत्सव में आने की इच्छा जताई।
नालंदा, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के ऐतिहासिक शहर राजगीर में वर्तमान में नालंदा साहित्य महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इस महोत्सव में अभिनेता संजय मिश्रा ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत की।
इस बातचीत में, अभिनेता ने राजगीर और नालंदा के बदलते स्वरूप पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा, "नालंदा में अब फ्लाईओवर और आधुनिक सुविधाएं दिखाई दे रही हैं। यह स्थान शूटिंग के लिए अत्यंत आकर्षक है। पहले यहां देवानंद की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' की शूटिंग हुई थी, जो आज भी प्रेरणा देती है। मेरी फिल्म कोट भी यहीं फिल्माई गई थी। नालंदा की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व इसे फिल्म निर्माताओं के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं।"
अभिनेता ने आगे बिहार में सिनेमा के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "बिहार में फिल्म सिटी होने से ज्यादा आवश्यक सिनेमा हॉल का होना है। प्रोड्यूसर फिल्म बनाकर क्या करेगा, जब उसके पास रिलीज के लिए स्थान ही नहीं होगा। कम से कम बिहार में बनी फिल्म बिहार में तो दिखाई देनी चाहिए।"
अभिनेता ने साहित्य महोत्सव को उत्कृष्ट बताया। उन्होंने कहा, "यह बिहार के लिए एक शुभ समय है कि एक अच्छी चीज की शुरुआत हो रही है। अभी मेरे साथ एक व्यक्ति था, जो यहां की व्यवस्था और भव्यता देखकर काफी प्रभावित हुआ था। इसे ऐसे ही जारी रखना चाहिए और अगले 100 साल तक इसे जीवित बनाए रखना चाहिए।"
संजय मिश्रा ने महोत्सव में पुनः आने की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यहां कोई कमी नहीं है; यदि अवसर मिले तो वे जरूर आएंगे।
हाल ही में अभिनेता फिल्म 'दूरभाष प्रसाद' की दूसरी शादी में दिखाई दिए थे। इस फिल्म में संजय के साथ अभिनेत्री महिमा चौधरी मुख्य भूमिका में थीं। यह फिल्म 19 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। हालांकि, इस फिल्म को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है।