क्या पापोन ने अपने दोस्त सिंगर जुबीन गर्ग को दी अंतिम विदाई?

सारांश
Key Takeaways
- पापोन ने अपने मित्र जुबीन गर्ग को भावुक विदाई दी।
- जुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ।
- उनके अंतिम संस्कार में लाखों लोग शामिल हुए।
- जुबीन ने सभी प्रमुख भाषाओं में गाने गाए।
- उनका योगदान असम की संगीत संस्कृति में अद्वितीय है।
मुंबई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गायक पापोन ने अपने मित्र और असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग को अंतिम विदाई दी। वह उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए असम पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने जुबीन के पार्थिव शरीर को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
पापोन ने इस मौके पर एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया पर साझा की है। इसे शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, "अलविदा दोस्त, जहां भी रहो खुश रहो।"
गायक जुबीन गर्ग का १९ सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक दुर्घटना में निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है, असम सरकार ने इसकी जांच सीबीआई से करवाने का आग्रह किया है।
जुबीन गर्ग सिर्फ एक गायक नहीं थे, वह असम की आत्मा की आवाज थे। उन्होंने न केवल असमिया, बल्कि हिंदी, बांग्ला और कई भाषाओं में गाने गाकर करोड़ों दिलों को छुआ। उनके निधन से असम सहित पूरा देश शोक में डूबा है।
जुबीन गर्ग ने हिंदी फिल्म जगत में अपनी शुरुआत फिल्म 'कांटे' के गाने 'जाने क्या होगा रामा रे' से की। उन्हें 'गैंगस्टर' के गाने 'या अली' के लिए हिंदी दर्शकों के बीच जाना जाता है। तीन दशकों से भी अधिक लंबे अपने करियर में जुबीन ने भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में लगभग ३८,००० गाने गाए।
उनके अंतिम संस्कार में दस लाख से अधिक लोग शामिल हुए, जिससे यह मानव इतिहास की चौथी सबसे बड़ी अंतिम विदाई बन गई। जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर २२ सितंबर को गुवाहाटी लाया गया था। यहां सरुसजाई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था, जहां पर लाखों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
जब जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर उनके गृह नगर गुवाहाटी पहुंचा, तो हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई अपने चहेते गायक को एक आखिरी बार देखने के लिए सड़क पर उतर आया। माहौल बेहद भावुक और गमगीन हो गया।
एयरपोर्ट से लेकर उनके घर तक के रास्ते में लोग फूल बरसा रहे थे, उनकी तस्वीरें और बैनर हाथों में लिए हुए थे, और जुबीन के गाने गाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे। मंगलवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया था।