क्या प्रेम कपूर की 'बदनाम बस्ती' बनेगी आईएफएफएम की 'प्राइड नाइट' का मुख्य आकर्षण?

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क्या प्रेम कपूर की 'बदनाम बस्ती' बनेगी आईएफएफएम की 'प्राइड नाइट' का मुख्य आकर्षण?

सारांश

प्रेम कपूर की 1971 की फिल्म 'बदनाम बस्ती' का रीस्टोर्ड संस्करण मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित होगा। इस महोत्सव में समलैंगिक पहचान का जश्न मनाया जाएगा, जहाँ 75 फिल्में दिखायी जाएंगी। इस अवसर पर अन्य महत्वपूर्ण फिल्में भी प्रदर्शित होंगी।

Key Takeaways

  • 'बदनाम बस्ती' का रीस्टोर्ड संस्करण प्रदर्शित होगा।
  • आईएफएफएम में 75 फिल्में दिखाई जाएंगी।
  • प्राइड नाइट समलैंगिक पहचान का जश्न मनाएगी।
  • फिल्म का आधार कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना का उपन्यास है।
  • फिल्म की खोज 40 साल बाद हुई थी।

मुंबई, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म निर्माता प्रेम कपूर की 1971 में बनाई गई फिल्म 'बदनाम बस्ती', का रीस्टोर्ड संस्करण मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव की 'प्राइड नाइट' में प्रदर्शित किया जाएगा।

इस वर्ष आईएफएफएम में लगभग 75 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जो जेंडर, नस्ल, विकलांगता और महिला प्रतिनिधित्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित हैं। यह महोत्सव 22 अगस्त को आयोजित होगा। एलजीबीटीक्यू+ प्राइड नाइट ऑस्ट्रेलिया में समलैंगिक सिनेमा और समलैंगिक दक्षिण एशियाई पहचान को समर्पित है।

'प्राइड नाइट' का प्रदर्शन सिनेमा की विरासत को सम्मानित करने का एक अनूठा तरीका है, इसके बाद फिल्म निर्माता ओनिर द्वारा निर्देशित एक समलैंगिक प्रेम कहानी, 'वी आर फहीम एंड करुण' का प्रीमियर होगा।

आईएफएफएम के निदेशक मीतू भौमिक ने इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि आईएफएफएम के माध्यम से सिनेमा में लोगों को जोड़ने और संवाद स्थापित करने की अपार शक्ति है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसकी सभी खूबसूरत विविधताओं को प्रतिबिंबित करें।"

भौमिक ने आगे कहा, "यह प्राइड नाइट केवल समलैंगिक पहचान का जश्न मनाने के बारे में नहीं है, बल्कि उस चीज को फिर से प्राप्त करने के लिए है, जिससे भारतीय सिनेमा को एलजीबीटीक्यू+ की कहानियों से लंबे समय से वंचित रखा गया है। फिल्म 'बदनाम बस्ती' और 'वी आर फहीम एंड करुण' कहानियों के माध्यम से हम अतीत का सम्मान करते हैं।"

'बदनाम बस्ती' हिंदी उपन्यासकार कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना के उपन्यास 'एक सड़क सत्तावन गलियां' पर आधारित है। इस फिल्म में नितिन सेठी, अमर कक्कड़ और नंदिता ठाकुर ने अभिनय किया है। इसे पहले गायब समझा जाता था, लेकिन 2019 में इसका एक प्रिंट मिला और 40 साल का सूखा समाप्त हुआ!

इस महोत्सव में अभिनेत्री तिलोत्तमा शोम की बंगाली फिल्म 'बक्शो बोंडी - शैडोबॉक्स' भी दिखाई जाएगी। मेलबर्न के भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) की शुरुआत इसी फिल्म के प्रदर्शन से होगी।

तनुश्री दास और सौम्यानंद साही की सह-निर्देशित फिल्म का प्रीमियर बर्लिन फिल्म महोत्सव 2025 में हुआ था।

Point of View

यह कहना उचित है कि सिनेमा ने हमेशा समाज की विविधताओं को दर्शाया है। प्रेम कपूर की फिल्म 'बदनाम बस्ती' का पुनः प्रदर्शन केवल एक फिल्म की वापसी नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा में समलैंगिक पहचान को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

प्रेम कपूर की 'बदनाम बस्ती' कब बनाई गई थी?
यह फिल्म 1971 में बनाई गई थी।
आईएफएफएम में कितनी फिल्में प्रदर्शित होंगी?
इस वर्ष आईएफएफएम में लगभग 75 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी।
प्राइड नाइट का उद्देश्य क्या है?
प्राइड नाइट का उद्देश्य समलैंगिक सिनेमा और दक्षिण एशियाई पहचान को मनाना है।
फिल्म 'बदनाम बस्ती' किस उपन्यास पर आधारित है?
यह फिल्म कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना के उपन्यास 'एक सड़क सत्तावन गलियां' पर आधारित है।
क्या 'बदनाम बस्ती' का कोई प्रिंट मिला था?
हाँ, 2019 में इसका एक प्रिंट मिला था।