क्या गुजरात सरकार खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है?

सारांश
Key Takeaways
- खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ सख्त कदम।
- दोषियों को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा।
- व्यापारियों पर 5,000 से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना।
- सरकार ने जनता से 30 दिनों का सुझाव देने का समय दिया है।
गांधीनगर, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अब गुजरात सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। सूचना के अनुसार, गुजरात सरकार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के दंड प्रावधानों में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
नए नियमों के तहत, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हानिकारक भोजन के कारण होती है, तो दोषी को 7 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, व्यापारी पर 5,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ सख्ती को लेकर लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "खाद्य पदार्थों में मिलावट जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। सरकार इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाएगी ताकि नागरिकों को सुरक्षित और शुद्ध भोजन मिल सके।"
गुजरात सरकार ने मिलावट के मामलों के संबंध में जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगने के लिए 30 दिनों का समय दिया है। नागरिक ऑनलाइन माध्यम से अपने सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।
हाल ही में, गुजरात सरकार ने मिलावट के मामलों में सख्ती के साथ कार्रवाई की है। पिछले साल अक्टूबर में, प्रशासन ने वडोदरा के हाथीखाना थोक बाजार में 700 किलोग्राम मिलावटी मिर्च पाउडर जब्त किया था। इसके अलावा, अमरेली में दूध में मिलावट करने वाले रैकेट का भी पर्दाफाश किया गया था।